Dewas: साढ़े 8 घंटे चला रेस्क्यू,  रेहान को सुरक्षित निकाला… 10 माह के मासूम और सिमरन की मौत

देवास। मंगलवार को स्टेशन रोड लाल गेट के समीप ढहे दो मंजिला मकान के मलबे में दबे तीनों लोगों को रात 1:00 बजे के लगभग बाहर निकाला गया। जिंदगी और मौत की इस जंग में 15 वर्षीय रेहान तो जीत गया किंतु 10 माह की मासूम और 23 वर्षीय सिमरन की मौत हो गई। करीब साढे 8 घंटे एनडीआरएफ और जिला प्रशासन का संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन चला। एनडीआरएफ की टीम ने रेहान को सकुशल बाहर निकाला।

Rai Singh Sendhav
\"\"

आपको बता दें मंगलवार की शाम करीब 4:30 बजे स्टेशन रोड लाल गेट के समीप एक दो मंजिला मकान अचानक भरभरा कर गिर गया। मकान के मलबे में 12 दब गए थे। इनमें से 9 लोगों को तो जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम ने संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर निकाल लिया था, किंतु  मासूम आहिल, सिमरन और रेहान ज्यादा नीचे दबे थे। भोपाल से करीब 10:00 बजे आई एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन का मोर्चा संभाला। NDRF की 35 सदस्य टीम ने लगातार 3 घंटे की मशक्कत के बाद तीनों को बाहर निकाला।

\"\"

NDRF के रीजनल रिस्पांस सेंटर (RRC) भोपाल में तैनात 11 वीं बटालियन वाराणसी के इंस्पेक्टर रामकुमार माली ने बताया कि विक्टिम लोकेटिंग कैमरे की मदद से अंदर विक्टिम की मूवमेंट का पता चला और हमने उससे बात की। बात करते हुए ऑपरेशन को कंटिन्यू रखा गया और रेहान को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

यह भी पढ़े- Dewas: दो मंजिला मकान ढहा, 11लोग दबे, 8 को निकाला, 10 माह के मासूम सहित 3 अभी भी अंदर फंसे

क्या होता है विक्टिम लोकेटिंग कैमरा
विक्टिम लोकेटिंग कैमरे में दो स्क्रीन होती है। एक स्क्रीन कैमरे में लगी होती है और दूसरी कमांडर के पास। कमांडर के पास जो स्क्रीन होती है उससे अंदर की हलचल का पता चलता है। इस कैमरे को ऑपरेट कर विक्टिम की मूवमेंट का पता लगाकर उससे संपर्क किया जाता है। आपदा प्रबंधन में इस कैमरे का विशेष महत्व होता है।

यह भी पढ़े- देवास के ढहे मकान में फंसे बच्चों के रेस्क्यू के लिए NDRF ने मोर्चा संभाला

संपादक

+ posts

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Notifications OK No thanks