
बागली ( सोमेश उपाध्याय)। नगर के कैलाश राठौर के घर सोमवार रात दुर्लभ ब्रह्मकमल खिला। उनके पुत्र अमन राठौर द्वारा 7 साल पहले ब्रह्मकमल का पौधा लगाया गया था। एक साथ इतने 3 ब्रह्मकमल खिलने पर आसपास के रहवासी और परिचित भी देखने के लिए पहुंचे थे।वनविभाग से सेवानिवृत्त वन औषधिय के जानकार ख़यालेश व्यास ने बताया कि यह उत्तराखंड का राजपुष्प है! इस दुर्लभ पुष्प का वानस्पतिक नाम सोसेरिया ओबोवेलाटा है।व्यास ने बताया कि ब्रह्म कमल औषधीय गुणों से भी परिपूर्ण है।इससे निकलने वाले पानी को पीने से थकान मिट जाती है, साथ ही पुरानी खांसी भी काबू हो जाती है। इस फूल की विशेषता यह है कि जब यह खिलता है तो इसमें ब्रह्म देव तथा त्रिशूल की आकृति बन कर उभर आती है। ब्रह्म कमल न तो खरीदा जाना चाहिए और न ही इसे बेचा जाता है।