सोनकच्छ, (संदीप गुप्ता)। बुधवार को सोनकच्छ तहसील के राजस्व निरीक्षक महेंद्र कुमार परते ने सोनकच्छ एसडीएम अंकिता जैन पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल व जलील करते हुए कार्यालय से बाहर करने का आरोप लगाते हुए उचित कार्रवाई की मांग को लेकर एसपी व कलेक्टर को आवेदन दिया।

ये है मामला –
राजस्व निरीक्षक परते द्वारा एसडीएम जैन के विरुद्ध दिए गए शिकायत आवेदन में उल्लेख किया गया है कि दिनांक 26/06/2020 को दोपहर लगभग 12 बजे अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय से एक कर्मचारी का फोन मुझे आया कि आपको एस.डी.एम मेडम ने कार्यालय में बुलावाया हैं। तब मैं आया तो उस समय एस.डी.एम. किसी पुलिस अधिकारी से अपने ऑफिस में चर्चा करे रही थी। मुझे बाद में आने के लिए कहा, फिर में न्यायालय में बैठे रजत गौतम सहायक ग्रेड 3 से बात की तो उन्होने मुझे बताया कि एस.डी.एम. आपको डायर्वसन (व्यववर्तन ) के प्रकरणों के स्थल निरीक्षण के संबंध में बुलाया है। फिर पुलिस अधिकारी के चले जाने के बाद एस.डी.एम ने मुझे अन्दर कार्यालय में बुलाया व न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी एवं दंडाधिकारी के न्यायालय मे पंजीकृत एवं प्रचलित म.प्र.भू.रा.संहिता 1959 (संशोधन वर्ष 2018) के अन्तर्गत धारा 59 (व्यवपर्वतन) के लगभग 15-20 प्रकरणों में मुझ राजस्व निरीक्षक को बिना लिखित आदेश व अनुदेश के तत्काल मौका जॉच कर प्रतिवेदन देने के लिए कहा गया । जबकि म.प्र.भू.रा.संहिता 1959(संशोधन वर्ष 2018) धारा 59 (व्यववर्तन) के तहत प्रारूप-2 (नियम 16 देखे) के अनुसार अनुविभागीय अधिकारी को पटवारी या नगर सर्वेक्षक से प्रतिवेदन ले जाने का प्रावधान है। उसी समय मैंने एस डी एम को वर्तमान में फील्ड की विषम परिस्थितियों से तत्काल अवगत कराते हुए कहा कि मेडम बिना लिखित आदेश के न्यायालय मे प्रचलित प्रकरणों के मौका जॉच करने जाने पर कई तरह की परेशानीयों का सामना करना पड़ता है। लोग पुछते है किसके लिखित आदेश से मौका जॉच करने आए हो ? आदेश क्रमांक के संदर्भ में भी पूछते है। फील्ड में कई बार अप्रिय घटना घट जाती है। जिसमें बिना आदेश जाने पर अपनी स्वयं की सुरक्षा भी सुनिश्चित नही हो पाती है। इस प्रकार मैंने निवेदन किया कि इन न्यायालय मे दर्ज प्रकरणों के मौका जॉच हेतु लिखित आदेश लेकर जाना ही उचित होगा। मेरे द्वारा इतना कहे जाने पर एस.डी.एम. जैन भडक गई व मुझ पर जल्लाते हुए कहने लगी की तुम मुझसे एस.डी.एम. से लिखित आदेश मागोगो ! तुम सिखाओगे मुझे कैसे काम करना है ? तुम ज्यादा ज्ञानवान हो। ऐसा कहकर खुब ऊंंची आवाज में स्टाफ के सदस्यों के सामने ललकारते हुए मेरे लिए अभ्रदतापुर्ण भाषा का इस्तेमाल कर मुझे सरेआम जलील व अपमानित कर, दुत्कारते हुए यहा से हटो जाओ निकल जाओ बाहर ऐसा कहा गया।
साथ ही शिकायत पत्र में परते द्वारा पूर्व में भी जनपद सभागृह में अधीनस्थ कर्मचारियों के प्रति दुर्व्यवहार करने की बात कही गई।
मामले पर चल रही सुर्री –
एसडीएम के विरुद्ध की गई शिकायत के बाद से ही राजस्व महकमे में इस बात की जन चर्चा बनी हुई है कि बीते कुछ माह पूर्व परते का स्थानांतरण हो गया था। जिसे निरस्त कराने के प्रयास में परते लगे हुए थे। वही चार-पांच दिन पहले एसडीएम द्वारा परते को रिलीव कर दिया गया था। चर्चाएं हैं कि इसी बात के चलते एसडीएम के विरुद्ध वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत की गई।
किसी प्रकार का अभद्र व्यवहार नहीं किया गया है। और ना ही किसी प्रकार के जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया। वरिष्ठों के आदेश का पालन ना करना इनकी कार्यप्रणाली में शामिल है।। -एसडीएम अंकिता जैन सोनकच्छ