पेट्रोल डीजल की मूल्यवृद्धि पर कांग्रेसियों ने सौंपा ज्ञापन

ज्ञापन के बाद चली सुर्री…. ज्ञापन बना चर्चा का विषय
सोनकच्छ (संदीप गुप्ता)। सत्ता पक्ष की हठधर्मिता से एकाधिकार की प्रवृत्ति विकसित ना हो इसलिए स्वस्थ लोकतांत्रिक प्रणाली के क्रियान्वयन हेतु मजबूत विपक्ष का होना अत्यंत आवश्यक है। इसी तर्ज पर क्षेत्र में टुकड़ों में बटी कांग्रेस मानो अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में एकजुट होती दिखाई दे रही है। ये एकजुटता आगामी समय में 24 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव तक ही रहती है या आगे तक स्थिर रहती है, देखने वाली बात होगी। खास बात तो यह है कि क्षेत्र के कांग्रेसी नेता कभी भी विपक्ष में रहते हुए जनता के हित के मुद्दों को भुना ही नहीं पाए। किसी बड़े नेता के हस्तक्षेप के बाद ही क्षेत्र में जनविरोधी नीतियों पर विरोध प्रदर्शन हो सके। इसी कड़ी में एक बार फिर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आह्वान पर बुधवार को स्थानीय कांग्रेसी नेताओं ने डीजल पेट्रोल मूल्य वृद्धि को लेकर राज्यपाल के नाम नायब तहसीलदार सुनील पीडिआर को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एडवोकेट सत्यनारायण लाठी, पीसीसी सदस्य सूरज सिंह ठाकुर, विधायक प्रतिनिधि (नप ) सुरेंद्र सिंह गौतम, पूर्व नप उपाध्यक्ष प्रतिनिधि भुरु पठान, पूर्व पार्षद मो.आरिफ खान, नगर अध्यक्ष देवेंद्र जोशी, शैलेंद्र टोंगिया, राधेश्याम चौधरी आदि उपस्थित थे।

Rai Singh Sendhav

ज्ञापन में यह कहा –
इधर ज्ञापन का वाचन पीसीसी सदस्य सूरज सिंह ठाकुर ने किया। ज्ञापन वाचन में कहा गया कि मध्य प्रदेश में पिछले 17 दिनों में पेट्रोल के दामों में 8 रु 30 पैसे व डीजल के दामों में 10 रु प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि ऐसे समय में हुई है जब देश की जनता मदद की उम्मीद कर रही है। महंगाई चरम पर पहुंच चुकी है पेट्रोल डीजल में हुई मूल्य वृद्धि अति शीघ्र कम की जाए वरना ऐसा न हो यह विरोध बड़ा रूप धारण कर ले।

ज्ञापन के बाद चर्चा
ज्ञापन के बाद से ही क्षेत्र में चर्चा बनी रही कि विगत दिनों में उपार्जन केंद्रों पर कभी चिलचिलाती धूप तो कभी झमाझम बारिश के बीच कई दिनों तक किसान परेशान होते रहे….फिलहाल किसान बीज के लिए परेशान है…..उपार्जन केंद्रों पर अपनी फसल विक्रय करने के बाद भी कई किसानो को तो भुगतान भी नहीं हो पा रहा है…..नगर में कई विकास कार्य लंबित पड़े हैं। आज प्रदेश नेतृत्व में ज्ञापन देने वाले स्थानीय कांग्रेसी नेता क्षेत्रवासियों के हित से जुड़ी ऐसी कई वास्तविक समस्याओं पर अपने स्वर प्रखर क्यों नहीं कर पा रहे है।

विपक्ष में रहकर केवल चार बड़े विरोध प्रदर्शन – 
विधानसभा चुनाव के पूर्व लगभग साढे सात वर्षों तक विपक्ष की कोरी घोषणाओं के विरुद्ध भी जनता के हित में आवाज उठाने में स्थानीय कांग्रेसी नेता असक्षम दिखाई दिए गए। नगर के लंबित पड़े विकास कार्य हो या अन्य जनहित से जुड़े मुद्दे स्थानीय कांग्रेसी नेता बगैर सज्जन सिंह वर्मा की उपस्थिति के कभी अपनी आवाज जनता के लिए बुलंद करते नहीं दिखाई दिए या यूं कहा जाए कि हर विरोध प्रदर्शनों में सज्जन सिंह वर्मा को शामिल होना ही पड़ा। 
वहीं साढ़े 7 वर्षों तक विपक्ष की भूमिका के दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा ऐनाबाद से पैदल यात्रा, बिजली की बढ़ी दरों को लेकर विद्युत मंडल के सामने प्रदर्शन, डीजल पेट्रोल मूल्य वृद्धि पर प्रदर्शन व स्वास्थ्य विभाग की अव्यवस्थाओं को लेकर विरोध प्रदर्शन….केवल ये चार बडे विरोध प्रदर्शन किए गए थे इस दौरान पूर्व मंत्री व वर्तमान में विधायक सज्जन सिंह वर्मा चारों प्रदर्शनों में शामिल थे। इसके अतिरिक्त स्थानीय नेता स्वयं से जनहित से जुड़े अन्य कोई मुद्दे नहीं भुना पाए। वर्षों से चले आ रहे इस पूरे घटनाक्रम से प्रतीत होता है मानो स्थानीय कांग्रेसी नेताओं को नगर हित व जनहित से जुड़े मुद्दों पर कोई सरोकार ही ना हो।

संपादक

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