देवास। एक ओर जहां देश के कई शहरों में कालोनियों और सोसायटी के रहवासियों द्वारा कोविड़ अस्पतालो में कार्यरत डॉक्टर्स को उनके घर नहीं आने दिया जा रहा है अथवा उनको अपमानित किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर शहरी क्षेत्र के कई निजी चिकित्सक कोरोना के डर से खांसी, बुखार और श्वास के मरीजों को देखने से बच रहे हैं। मध्यप्रदेश का देवास जिला इन सबका अपवाद है। गत दिवस जिले के एक कोरोना यौद्धा अमलतास अस्पताल के कोरोना वार्ड प्रभारी डॉ अश्र्विन सोनगरा का उनके क्षेत्र बालगढ़ के निवासियों द्वारा ना केवल पुष्प वर्षा कर आत्मीय स्वागत किया गया बल्कि उनके क्षेत्र के नागरिको ने कोविड डाक्टर का पड़ोसी होने पर स्वयं को गौरवान्वित महसूस किया। अमलतास अस्पताल देवास जिले का एकमात्र डेडीकेटेड कोविड निजी अस्पताल है, यहां के कोरोना वार्ड प्रभारी डॉ अश्र्विन सोनगरा के कंधों पर सम्पूर्ण जिले के कोरोना प्रभावित और संदिग्ध मरीजों को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी है। अभी अमलतास अस्पताल के आईसीयू एवं आयसोलेशन वार्ड सहित 100 बिस्तर जिला प्रशासन ने आरक्षित करवायें है जबकि अमलतास समूह के संस्थापक सुरेश भदौरिया आवश्यकता होने पर अस्पताल के सभी 650 बिस्तर जिला प्रशासन को सौंपने का संकल्प व्यक्त कर चुके हैं। अब अमलतास अस्पताल में क्षेत्रीय नागरिकों की सुविधा के लिए कोरोना ओ.पी.डी. की शुरुआत भी कर दी गई है ।
जिले का कोई भी व्यक्ति कोरोना के लक्षण जेसे बुखार अथवा बुखार के साथ खांसी या श्वांस की कोई समस्या होने अथवा कोरोना के उक्त लक्षणों की शंका होने पर तुरंत सीधे अमलतास अस्पताल की कोरोना ओ.पी.डी. में आकर निशुल्क चिकित्सकीय परीक्षण का लाभ लें सकते हैं।

