कलेक्टर ने किया जिला अस्पताल का निरीक्षण लगाई फटकार
10 जनवरी तक सभी पेंडिंग मामले निपटाने का दिया समय
समय सीमा में निराकरण नहीं हुआ तो आर्थिक अपराध में प्रकरण दर्ज कराने की कहीं बात

देवास। देवास कलेक्टर श्रीकांत पांडे आज दोपहर अचानक जिला अस्पताल जा पहुंचे। निरीक्षण किया और सीएम हेल्पलाइन के करीब 1500 पेंडिंग मामलों को लेकर अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदारों को फटकार लगाई। पेंडिंग मामलों में अधिकांश मामले जननी सुरक्षा और प्रसूता सहायता के हैं। इन मामलों में हितग्राहियों को लाभ लंबे समय से नहीं मिल पाया है। कारण जो सामने आया वह चौंकाने वाला है। संबंधित प्रकरणों के दस्तावेज ही गायब है। हालांकि इस मामले में एक ऑपरेटर को पूर्व में सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है। कलेक्टर ने सख्त लहजे में कहां की 10 जनवरी तक सभी लंबित मामले निपटाए जाएं अगर किसी की लापरवाही या भ्रष्टाचार सामने आता है तो आर्थिक अपराध में प्रकरण दर्ज कराया जाए।
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अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही के चलते शासन की योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को नहीं मिल पाना गंभीर लापरवाही किस श्रेणी में आता है। हाल ही में सिविल अस्पताल के मुख्य लिपिक तेजकरण परमार को ₹100000 की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने रंगे हाथों पकड़ा था। उसके बाद भी वह अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहा है। इस मामले को कलेक्टर श्रीकांत पांडे ने गंभीरता से लिया। अरे वो तेरे पसंद कलेक्टर श्री पांडे ने कहा कि यह गंभीर विषय है जो कार्यशैली पर सवाल उठाता है। इसके साथ ही जननी सुरक्षा और प्रसूता सहायता सहित करीब 1500 मामले सीएम हेल्पलाइन के लंबित पड़े हैं। मामलों का निराकरण नहीं हो पाना और हितग्राहियों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पाना जैसे मामलों को कलेक्टर श्री पांडे ने गंभीरता से लिया। उन्होंने सिविल सर्जन सीएमएचओ सहित जिम्मेदारों को फटकार लगाते हुए 15 दिवस का समय दिया है।
कलेक्टर श्री पांडे ने कहा की ऐसे मामलों में प्रशासन की छवि धूमिल होती है। किसी को सेवा से पृथक कर देने से हमारी जिम्मेदारी खत्म नहीं होती है। हमने संबंधित अधिकारियों को 10 जनवरी तक का समय दिया है की सभी लंबित मामलों का निराकरण किया जाए।