अधिकारियों की मिलीभगत से प्लाट हुआ गायब

3 महीने की मशक्कत के बाद हुई नपती…

नपती से संतुष्ट नहीं प्लॉट मालिक, क्योंकि प्लाट हुआ गायब..

सारे दस्तावेजों रजिस्ट्री लेकर भटक रही विधवा बुजुर्ग…

भू माफिया ने उक्त प्लाट से निकाल दिया नाला कर दिया पक्का निर्माण…

देवास। शहर के कॉलोनी बाग से गुजरने वाले नाले पर प्रभावशाली लोगों ने निजी खर्चे से पक्का निर्माण करा डाला। इसकी चर्चाएं थमीं भी नहीं थी और मामले में नया पेंच आ गया। जिस जगह नाले का निर्माण किया गया वह जमीन दिल्ली निवासी एक विधवा बुजुर्ग महिला की है। यह बुजुर्ग महिला जब देवास आई तो उसे पता चला कि उसके प्लाट पर पक्का नाला बना दिया गया। अब वह महिला अपने सभी दस्तावेज और नक्शा लिए कभी नगरनिगम तो कभी प्रशासन की चौखट पर चक्कर लगा रही है।

Rai Singh Sendhav

3 महीने की मशक्कत के बाद आज जब नजूल विभाग की टीम ने नपती की तो बुजुर्ग महिला का प्लाट ही गायब कर दिया। हालांकि नपती पंचनामा पर बुजुर्ग महिला ने हस्ताक्षर नहीं किए अब वह न्यायालय की शरण में जाएंगी।

आपको बता दें देवास के मुख्य मार्ग एबी रोड पर अपेक्स हॉस्पिटल के पड़ोस में उक्त प्लाट रेखा जैन पति स्वर्गीय शेरसिंह चौधरी का है। यह प्लाट शेर सिंह चौधरी ने वर्ष 1984 में खरीदा था। 170 फीट चौड़ा और 30 फीट लंबाई के क्षेत्रफल में कुल 8 प्लाट थे। यह सभी प्लांट शेरसिंह ने खरीद कर यहां कमर्शियल कॉन्प्लेक्स बनाने की योजना थी। इसके लिए उन्होंने भूमि डायवर्सन भी करवा रखा था।

शेरसिंह क्योंकि दिल्ली में शिफ्ट हो गए थे। यही वजह रही कि तब से यह प्लाट ऐसे ही पड़ा था। उक्त प्लाट के पीछे लक्ष्मण नगर कॉलोनी है। जहां के एक प्लॉट मलिक ने राजनीतिक प्रभाव के चलते एबी रोड पर स्थित रेखा जैन के प्लाट से नाला निकालकर उसे सीमेंट कंक्रीट से पक्का बनवा दिया। अवैध नाले का निर्माण गत वर्ष खूब सुर्खियों में रहा, मीडिया की खबर बनी किंतु राजनीतिक प्रभाव के चलते कुछ नहीं हो पाया। अब एक बार फिर यह मामला तब सुर्खियों में आया जब दिल्ली से लोग लौटी रेखा जैन को अपना प्लाट नजर नहीं आया। उन्होंने नगरनिगम और जिला प्रशासन में शिकायत कर अपने प्लाट की नती करवाना चाहि। आज जब नजूल विभाग की टीम नपति करने पहुंची तो पता चला कि नाला 5 मीटर आगे धका दिया गया, इसके साथ ही नजूल विभाग की टीम ने तो वहां से प्लाट ही गायब कर दिया। पीड़िता अब न्यायालय जाने की तैयारी में है। इस मामले में ना तो नजूल के अधिकारी कुछ कहने को तैयार हैं और ना ही नगरनिगम के।

संपादक

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