42 करोड़ के आबकारी घोटाले में फरार आरोपी विजय कुमार श्रीवास्तव क्राईम ब्रांच इंदौर की गिरफ्त में

आरोपी की गिरफ्तारी हेतु जारी की गई थी 20 हजार रुपये के ईनाम की उद्घोषणा

एम जी रोड ग्रुप की शराब की दुकानों में सात करोङ इकत्तीस लाख रुपये की चालानी राशि का किया था आरोपी ने घोटाला

क्राईम ब्रांच ने आरोपी को लखनऊ से पकड़ा, थाना रावजीबाजार पुलिस के किया सुपुर्द

गोण्डा, लखनऊ, कानपुर, भोपाल, बलवाङा खंडवा, आदि शहरों मे रहकर फरारी काट रहा था आरोपी

इंदौर। पुलिस उपमहानिरीक्षक इंदौर (शहर) श्री हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा 41 करोड़ रूपये की शासन को राजस्व की हानि पहुंचाकर, आबकारी घोटाले के मामले में फरार चल रहे उद्घोषित ईनामी आरोपियों को गिरफ्तार करने हेतु इंदौर पुलिस को निर्देशित किया गया उक्त निर्देशों के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) श्री मो0 यूसुफ कुरैशी के मार्ग दर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अमरेन्द्र सिहं (अपराध शाखा) द्वारा क्राईम ब्रांच की एक टीम का गठन किया गया जिसके द्वारा पूर्व में प्रकरण में संलिप्त अधिकतम आरेापियों को गिरफ्तार किया जा चुका था, आबकारी घोटाले के प्रकरण में शेष फरार अपराधियों की धरपकड़ हेतु क्राईम ब्रांच की टीम को योजनाबद्ध तरीके से कार्यवाही करने हेतु समुचित दिशा निर्देश दिये गये थे।

Rai Singh Sendhav

थाना रावजी बाजार इंदौर मे पंजीबद्ध अपराध क्रं. 172/17 धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी भादवि मे फरार चल रहे उद्घोषित ईनामी फरारी आरोपियो की पतारसी के प्रयास थाना क्राईम ब्रांच इंदौर की टीम द्वारा किये जा रहे थे जिनके बारे मे सूचना संकलित कर अध्ययन किया गया तथा आरोपियो की पतारसी हेतु मुखबिर तंत्र सक्रिय किया गया। इसी क्रम मे मुखबिर तंत्र के माध्यम से क्राईम ब्रांच को सूचना मिली थी कि आबकारी घोटाले मे फरार आरोपी विजय कुमार श्रीवास्तव पिता श्री कृष्णकुमार श्रीवास्तव, लखनऊ उ.प्र. मे छुपकर फरारी काट रहा है। सूचना पर कार्यवाही करते हुये क्राईम ब्रांच की टीम तत्काल लखनऊ के लिये रवाना हुई जहां मुताबिक मुखबिर से ज्ञात सूचना के आधार पर आरोपी विजय श्रीवास्तव की पतारसी की गई जहां से आरोपी विजय कुमार पिता श्री कृष्णकुमार श्रीवास्तव उम्र 49 साल निवासी 204 अपोलो डी बी सिटी निपानिया इंदौर को क्राईम ब्रांच की टीम ने घेराबंदी कर धरदबोचा जिसे पुलिस की टीम, अभिरक्षा मे लेकर इंदौर आई।

आरोपी विजय से की गई पूछताछ में उसने बताया कि वह मूलतः आवास-विकास कालोनी गोण्डा, उ.प्र. का रहने वाला है तथा खंडवा रोड बलवाङा में मिष्ठी पेट्रोल पंप का संचालन करता है। आरोपी के परिवार में उसकी पत्नि सहित एक पुत्र व एक पुत्री है। आरोपी नवाबगंज फैजाबाद यूनीवर्सिटी उ.प्र. से बी कॉम पास है। आरोपी ने बताया कि उसके पिताजी गोण्डा उ.प्र. में प्रोडक्शन ऑफिसर के पद पर काम करते थे पूर्व में वह अपने पिताजी के परिचित के यहां लेबङ घाटाबिल्लोद धार मे केडिया डिस्टलरी एक्जीक्यूटिव के पद पर काम करता था इसके बाद 1992 मे उसका ट्रांसफर केडिया डिस्टलरी भिलाई में हो गया जहां वह 8 साल तक असिस्टेंट मेनेजर के पद पर काम करता रहा। शादी होने के बाद वह बिलासपुर चला गया जहां पर सोम डिस्टलरी के वेयर हाउस मे मेनेजर के पद पर काम करने लगा इस सोम डिस्टलरी नामक कंपनी में शराब की बाटलिंग व पेकेजिंग का काम होता था। बिलासपुर में शराब का काम सीखने के बाद वह पुनः 2005 मे इंदौर आ गया और शराब व्यवसाय मे मंजीत सिंह ठेकेदार (बिलासपुर वाले का) काम देखने लगा। किंतु जिस समय मंजीत सिंह इंदौर से अपना बिजनेस छोङकर 2012 मे बिलासपुर चले गये तब से वर्ष 2012 से आरोपी विजय श्रीवास्तव स्वयं शराब बिजनेस का काम इंदौर मे करने लगा था। जहां वर्ष 2012-13 मे विजय श्रीवास्तव क नाम से अनुज्ञापित अंग्रेजी शराब की दुकान देवगुराङिया मे थी जिसका लायसेंस उसी के नाम था। का संचालन किया गया था।
इसके बाद 2014 से 2017 तक कंचनबाग इंदौर मे अंग्रेजी शराब की दुकान व बङी ग्वालटोली इंदौर में देशी शराब की दुकान आरोपी द्वारा एमजी रोड समूह की दुकानों में वर्ष 2016-17 की अवधि में संचालन किया गया, जिसमें आबकारी विभाग द्वारा वर्ष 2016-17 में एम जी रोड ग्रुप की दुकानों पर शासकीय वित्तीय राजस्व की लेनदारी सात करोङ इकत्तीस लाख रुपये थी यह जानते हुये आरोपी विजय श्रीवास्तव ने एम जी रोड ग्रुप की वर्ष 2017-18 के लिये समस्त दुकाने उसके साथी अविनाश मंडलोई को हस्तानांतरण कर दे दी गई जिसे वह शराब ठेकेदार होने के नाते पूर्व से ही जानता था जिसमें शेष राजस्व विजय श्रीवास्तव ने नहीं भरा था तथा फर्जी चालानों के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2017-2018 के लिये दुकाने रिन्यू करा ली थी। इस प्रकार आरोपी ने सरकार को आबकारी घोटाला करते हुये कुल शासकीय राजस्व राशि सात करोङ इकत्तीस लाख रुपये लगभग की हानि पहुंचाई।
आरोपी विजय कुमार श्रीवास्तव के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्द होने के उपरांत ही वह वर्ष 2017 से ही फरार हो गया था जो कि फरारी के दौरान गोण्डा, लखनऊ, कानपुर, भोपाल, बलवाङा खंडवा, आदि शहरों मे रहकर फरारी काट रहा था। आरोपी की गिरफ्तारी हेतु पुलिस उपमहानिरीक्षक (शहर) इंदौर द्वारा 20 हजार रूपये के नगद ईनाम की उदघोषणा जारी की गई थी। आरोपी विजय कुमार श्रीवास्तव को थाना रावजीबाजार इंदौर के अपराध क्रं. 172/17 धारा 420,467,468,471,120 बी भादवि में पकङकर थाना रावजीबाजार पुलिस के सुपुर्द किया गया है। आरोपी का पुलिस रिमांड लेकर विस्तृत पूछताछ की जायेगी। घोटाले में शामिल शेष फरार आरोपियों के जल्द ही पकड़ में आने की संभावना है।

संपादक

+ posts

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Notifications OK No thanks