तीन दिवसीय अन्नदाता किसानों की हड़ताल,29 मई से \’गांव बंद अभियान प्रारंभ होगा,

भीलखेड़ी में हुई भारतीय किसान यूनियन की बैठक में हुआ निर्णय

अनिल उपाध्याय
खातेगांव। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों की एक बैठक रविवार को ग्राम भील खेड़ी में आयोजित की गई बैठक में सभी सदस्यों ने एक स्वर में आवाज बुलंद की वे अपने अधिकारों की लड़ाई में एकमत होकर शामिल हो ओर गांव बंद अभियान में शामिल हो एक बार फिर 3 दिनों तक भारतीय किसान यूनियन के आव्हान पर क्षेत्र के किसान हड़ताल पर रहेंगे गांव बंद अभियान चलाया जाएगा l गांव से दूध सब्जी एवं अन्य सामग्रियां नगर व क्षेत्र में नहीं आएगी, पिछले 2 वर्ष पूर्व किसान आंदोलन में उग्र घटनाएं भी हुई थी. अब देखना यह है कि मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार किसानों के लिए किस प्रकार की योजनाएं बनाती है और तीन दिवसीय इस आंदोलन को किस प्रकार शांत किया जाएगा भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश पटेल भीलखेड़ी ने. अपने ग्रह ग्राम भील खेड़ी निवास पर भारतीय किसान यूनियन की बैठक में उपस्थित भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी एवं क्षेत्र के किसानों के साथ बैठकर बिंदुवार चर्चाएं की और बताया कि 1 जून से 10 जून तक किसान आंदोलन में परिवर्तन किया गया है,
इस वर्ष 29 मई से 31 मई तक अन्नदाता हड़ताल चलेगी समस्त किसानों से अपील करते हुए बताया कि अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए किसानों को एकजुट होकर इस प्रदेश व्यापी अभियान को सफल बनाना है l अन्नदाता हड़ताल भारतीय किसान यूनियन द्वारा किए जाने वाला गांव बंद अभियान 1 जून से 10 जून किसान आंदोलन में परिवर्तन किया गया है इस वर्ष 29 मई से 31 मई तक अन्नदाता हड़ताल चलेगी . भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष ओम पटेल ब्लॉक अध्यक्ष सतवास नीरज छावा युवा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष किशोर गोलियां खातेगांव तहसील अध्यक्ष हरिप्रसाद गुर्जर हरणगांव जिला उपाध्यक्ष राम अवतार मकवाना संभाग उपाध्यक्ष लक्ष्मण पटेल कन्नौद ब्लाक अध्यक्ष रामभरोस पटेल लक्ष्मी नारायण पटेल गंभीर पटेल श्रीनिवास पवार पूर्व सरपंच ने बताया कि हमारी मुख्य मांगे खर्च निकालने के बाद फसलों के मूल्य तय हो स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो कर्ज माफी में सुधार हो सभी किसानों को कर्ज माफी का लाभ मिले l मंडी में सभी फसलों की नगदी खरीदी हो फल फूल सब्जी दूध अनाज किसानों के सभी उत्पाद का खर्च निकालने के बाद समर्थन मुल्य तय हो l न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे खरीदी पर व्यापारियों पर कानूनी कार्रवाई हो l कृषि को व्यवसाय का दर्जा दिया जाए जब व्यापारी अपने उत्पादन का मूल्य तय करते हैं तो किसानों को अपने उत्पाद का मूल्य तय करने का अधिकार क्यों नहीं l 2018 की सोयाबीन भावंतर राशि जल्द से जल्द दी जावे l . प्राइवेट बैंकों से जिन किसानों ने लोन लिया है उनके भी ₹200000 का कर्ज माफ किया जाए l सभी किसान बंधुओं से अनुरोध है कि यह मांग किसान समाज किसान बंधुओं की है ना कांग्रेस ना भाजपाई हम किसान आपस में भाई-भाई के नारे के साथ अन्नदाता हड़ताल 29 मई से 31 मई तक कोई भी किसान अपने घरों से फल फूल सब्जी अनाज दूध लेकर ना निकले l किसान आक्रोशित है किसी घटना का शिकार ना हो l

Rai Singh Sendhav

संपादक

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