Dewas news: शंकरगढ़ गौशाला में 1 दर्जन से अधिक गायों की मौत, दर्जनों तड़प रही दलदल में

60 की क्षमता वाली गौशाला में भरी है सैकड़ों गायें…
शहर के आवारा मवेशी पकड़ कर नगर निगम पहुंचाता है वहां…, लेकिन उनकी देखरेख और रखरखाव पर किसी का ध्यान नहीं…
शहर कांग्रेस अध्यक्ष पहुंचे गौशाला दी चेतावनी, तब मौके पर पहुंचा प्रशासन का अमला…

Rai Singh Sendhav

बड़ा सवाल- गायों की मौत का आखिर कौन जिम्मेदार....?

देवास। देवास की शंकरगढ़ पहाड़ी, जिसे हिल स्टेशन और पर्यटन के रूप में डेवलप करने की बात प्रशासन कर रहा है…, वही स्थित एक गौशाला में आज दर्जनों गाय तड़प रही हैं और करीब एक दर्जन गायों की मौत हो गई। गायों की मौत की खबर से हड़कंप मच गया। यह खबर उस समय शहर में फैली जब जीतू रघुवंशी मौके पर धरने पर बैठ गए। उसके बाद शहर कांग्रेस अध्यक्ष भी अपने तमाम कार्यकर्ताओं के साथ वहां जा पहुंचे। मौके पर प्रशासन के जिम्मेदारों को बुलाया गया और उनके लिखित आश्वासन के बाद जीतू रघुवंशी और उनके साथी धरने से उठे।

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आपको बता दें शंकरगढ़ की पहाड़ी पर सरकारी जमीन में यह गौशाला संचालित हो रही है। जिसे विक्रम नाम के बुजुर्ग चला रहे हैं। नगर निगम शहर के सभी आवारा मवेशियों को वाहनों में भरकर इस गौशाला में छोड़ते हैं। 60 की संख्या की क्षमता वाली इस गौशाला में सैकड़ों गाय मौजूद हैं। नगर निगम प्रशासन गाय तो वहां छोड़ देता है लेकिन उनकी देखरेख कैसे होगी…? उनके चारे पानी की क्या व्यवस्था है..? इस और प्रशासन के अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं जाना बड़ा सवाल खड़ा करता है।
गौशाला और गाय की सेवा के नाम पर राजनीति तो दोनों ही प्रमुख दल दमखम से करते हैं किंतु आज से पहले वहां की व्यवस्थाओं को लेकर किसी राजनीतिक दल के जिम्मेदारों ने कभी सुध नहीं ली…। यह भी एक विचारणीय पहलू है।
आज यहां हुई गायों की मौत के साथ ही प्रशासन में हड़कंप मच गया वही शहर की राजनीति में भी भूचाल आ गया।
आज गायों के मरने की सूचना पाकर जब शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी वहां पहुंचे और उन्होंने कलेक्टर से बात की तब  प्रशासन के जिम्मेदार वहां पहुंचे। गौशाला में इतना दलदल भरा है कि वहां इंसान तो दूर मवेशियों का भी चलना दूभर है। यही वजह रही की यहां गायों की मौत हो रही है। बताया गया है की गायों को खाने के लिए चारे और पीने के लिए पानी तक की ठीक व्यवस्था नहीं है। कुछ गाय भूख से तड़प रही हैं तो कुछ गायों ने भूख के साथ साथ दलदल में फंसने के चलते दम तोड़ दिया।

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आज काफी हंगामा होने के बाद वहां कीचड़ हटाए जाने का काम शुरू किया गया। अभी भी वहां कई गाय दलदल में फंसी तड़प रही हैं, जिन्हें निकाले जाने का काम भी शुरू किया गया है। कुछ लोग गौशाला संचालक को जिम्मेदार बता रहे हैं…, वही कुछ लोग इसके लिए प्रशासन और नगरनिगम को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.., हालांकि यह जांच का विषय है की इतनी बड़ी तादाद में गायों की मौत का जिम्मेदार कौन है?

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इस घटना को लेकर शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने जहां गौ सेवा का दम भरने वाली राजनीतिक दल के साथ शिवराज सरकार को आड़े हाथ लिया वही कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला ने 9 से 10 गायों की मौत होने की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा यह गौशाला गौ संवर्धन बोर्ड से संबंधित है, जिसमें 60 गायों के रखने की क्षमता है, किंतु शहर के आवारा मवेशी वहां भेजे जाते हैं। इसलिए नगरनिगम को कहा गया है की जरूरत के हिसाब से उसका क्षेत्रफल बढ़ाया जाए। साथ ही गायों की मौत में किसकी लापरवाही है यह जांच का विषय है। इसके लिए एसडीएम और पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया है।

संपादक

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