देवास। कोविड-19 के चलते गरीब वर्ग भुखमरी की कगार पर है। इनके लिए केंद्र और राज्य सरकार राहत योजनाएं चला रही है। मध्य प्रदेश सरकार ने सभी गरीबों को राशन देने की घोषणा की है, चाहे उसके पास राशन कार्ड हो या ना हो। दूसरी तरफ निर्धन का निवाला कालाबाजारी की भेंट चढ़ा रहा है। आज उदयनगर पुलिस ने 67 क्विंटल चावल परिवहन करते मिनी ट्रक को जब्त किया है। एक आरोपी श्री राम को भी गिरफ्तार किया है। आरोपी श्री राम की निशानदेही पर एक गोडाउन में रखा 250-300 बोरी चावल भी जब्त कर गोडाउन को सील किया है। जब्त किया गया चावल पीडीएस का होने की आशंका जताई जा रही है।


आपको बता दें आज उदय नगर थाना प्रभारी शशांक जैन और उनकी टीम ने मुखबिर की सूचना पर उदयनगर से इंदौर जा रहे एक मिनी ट्रक को रोका। जिसमें 109 बोरी चावल भरा था। वाहन चालक चावल के पर्याप्त दस्तावेज नहीं दिखा पाया। चावल पीडीएस का होने की आशंका के चलते उसे जप्त किया गया। आरोपी श्री राम को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी श्री राम की निशानदेही पर पुलिस ने उदयनगर तहसीलदार और कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को साथ लेकर एक गोडाउन पर भी छापा मारा जहां 250-300 बोरी चावल पाया गया है। उक्त गोडाउन को सील कर दिया है। फिलहाल जब्त किए गए चावल की कीमत करीब एक लाख 40 हजार बताई गई है। पुलिस ने धारा 411 आईपीसी आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।

आपको बता दें कोरोना काल के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण गरीब वर्ग दाने दाने के लिए परेशान हो रहा है। राशन बांटने का जो मैकेनिज्म है, उसमें भ्रष्टाचार की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को ज्यादा मजबूत किए बिना पीडीएस राशन के काले कारोबार को रोकना आसान नजर नहीं आता। ऐसे में पिछले 15 दिनों में यह जिले में दूसरा मामला है जब इस तरह राशन जब्ती की कार्रवाई हुई है। जुलाई के अंतिम सप्ताह में खातेगांव में भी पुलिस ने पीडीएस का राशन जब्त किया था। इधर प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पहले ही निर्धन के राशन में बड़े घोटाले का आरोप लगाती रही है।

गौरतलब है कि देवास जिले में अब तक होने वाली कार्रवाई पुलिस विभाग के द्वारा की गई हैं जबकि जिला आपूर्ति विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा नजर आ रहा है। ऐसे में यहां के निर्धन वर्ग को नवागत जिलाधीश चंद्रमौली शुक्ला से काफी कुछ उम्मीदें हैं। उनके देवास जिले के विगत दो माह के कार्यकाल में काफी कुछ व्यवस्थाओं में सुधार देखने को मिला है। उसके बाद से जिले का गरीब वर्ग अपने कलेक्टर को आशा भरी नजरों से देख रहा है, और उम्मीद कर रहा है की इस तरह के काले कारोबार को रोकने के लिए जिला प्रशासन प्रभावी कदम उठाएगा।