सुनहरे उल्लू और चकलोन की तस्करी भारी पड़ी,  जमानत भी नहीं मिली

उज्जैन। रेड सैंड बोआ दोमुहा चकलोन और सुनहरा उल्लू दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीव हैं। इनकी तस्करी करते 10 आरोपियों को पिछले दिनों उज्जैन एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। आरोपियों में देवास जिले के भी दो आरोपी हैं, जिनकी जमानत अपर सत्र न्यायाधीश पंकज चतुर्वेदी जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा निरस्त की गई है।

Rai Singh Sendhav

जिन आरोपियों की जमानत निरस्त की गई है उनमें राजकुमार पिता सिद्धनाथ, उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम खजूरिया नाका थाना सोनकच्छ जिला देवास और करण पिता किशनलाल, उम्र 28 वर्ष निवासी अशोकगंज हाटपिपलिया जिला देवास शामिल है। उप.संचालक अभियोजन डॉ. साकेत व्यास ने बताया कि महानिदेशक/संचालक लोक अभियोजन मध्यप्रदेश पुरुषोत्तम शर्मा के विशेष आदेश से अभियोजन कार्य हेतु अधिकृत राज्य समन्वयक (वन- वन्यप्राणी) श्रीमती सुधाविजय सिंह भदौरिया द्वारा की गई सशक्त पैरवी के चलते अभियुक्तगण राजकुमार एवं करण की जमानत निरस्त की गई। घटना  20 जुलाई की है जब एस.टी.एफ. पुलिस उज्जैन ने वन्यजीव तस्करी मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया था। अभियुक्तगण से एक रेड सैंड बोआ दो मुहॅा , चकलोन और सुनहरा उल्लू  दुलर्भ प्रजाति के बरामद किये गए थे। अभियुक्तगण से जप्त दो मुंह के सांप का वजन लगभग सवा 6 किलो है। पुलिस ने अभियुक्तगण से एक टाटा टियागो कार नंबर एम.पी. 09 डब्लू डी 1151 और वेगन आर नंबर एम.पी. 09 सी.जे. 4370 भी जप्त की है। अभियुक्तगण में 6 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल है। वन्य प्राणी दो मुॅह वाला सांप मेडिसिन बनाने के काम आता है और उल्लू को तंत्र क्रिया में उपयोग किया जाता है। एसटीएफ ने गिरफ्तारी के बाद मामला वन विभाग को सौंपा था। उल्लू वन्यप्राणी सरंक्षण अधिनियम के अंर्तगत अनुसूची- 4 में शामिल है।

अभियुक्तगण राजकुमार एवं करण द्वारा न्यायालय में आज जमानत हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था। म0प्र0 राज्य की ओर से अभियोजन अधिकारी श्रीमती सुधाविजयसिंह भदौरिया राज्य समन्वयक वन एवं वन्यप्राणी, लोक अभियोजन भोपाल द्वारा वीडियो कांफ्रेंस से पैरवी की गई न्यायालय ने अभियोजन के तर्काे से सहमत होकर अभियुक्तगण का जमानत आवेदन निरस्त किया गया।

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