अभिभाषक संघ ने थाना प्रभारी पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर दिया ज्ञापन 

थाना प्रभारी ने कहा आरोपी पक्ष के वकील धमकी देकर बोले बोरिया बिस्तर बंधवा दूंगा…. देख लूंगा

सोनकच्छ (संदीप गुप्ता)। अभिभाषक संघ ने बताया की गत दिनों अभिभाषक उनके पक्षकार के एक मामले को लेकर थाने पर गए थे। जहां गाड़ी की बेट्री के पैसों की मांग थाना प्रभारी ने की थी नहीं देने पर अभिभाषक के साथ अभद्र व्यवहार किया गया था। जिसके चलते सोमवार दोपहर अभिभाषक संघ के समस्त पदाधिकारी पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। जहां अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर थाना प्रभारी की शिकायत कर उचित कार्रवाई करने की मांग की गई है। इधर इस पूरे मामले पर टाइम्स एमपी से चर्चा के दौरान नवागत थाना प्रभारी प्रीति बाथरी ने कहा की मैंने बैटरी लगाकर वाहन यहां लाने के लिए कहा था पैसे नहीं मांगे गए। आरोपी के द्वारा लगातार पुलिस को भ्रमित किया जा रहा था मेरे द्वारा सख्ती से पूछताछ करने पर सही जानकारी दी गई।इधर आरोपी पक्ष के वकील द्वारा बार-बार मुझेेेे फोन कर परेशान किया जा रहा था। थाने पर मेरे केबिन में आकर उपस्थितों केे समक्ष मुझसे कहा की अभी तो तुम्हारे बोरिया बिस्तर खुले भी नहीं है उससे पहले ही मैं तुम्हारे बोरिया बिस्तर बंधवा दूंगा। इस प्रकार की धमकी देकर बोला देख लूंगा।

Rai Singh Sendhav

अभिभाषक संघ ने सौंपा ज्ञापन –

ज्ञापन के अंतर्गत उल्लेख किया गया कि सोनकच्छ में अभिभाषक संघ के सदस्य जीवन सिंह गुर्जर विधि व्यवसाय पिछले 10 वर्ष से सोनकच्छ न्यायालय में नियमित रूप से कार्य कर रहे हैं। उन्होनें बताया की गत 27 जून की रात करीब 8 बजे के दरमियान वह सोनकच्छ थाने पर उनके पक्षकार के संबंध में चर्चा करने के लिए गए थे। उसके एक दिन पूर्व भी थाने पर गए थे, जहां थाना प्रभारी की गैर मौजूदगी में एसआई बारेला से चर्चा कर पक्षकार को वापस से भेजने का बोलकर आ गए थे। उसके बाद एसआई बारेला का उनके मोबाइल पर फोन आया था की आपके पक्षकार को थाने पर भेज दिजिए। उससे पूछताछ करने के बाद उसे वापस भेज दिया जाएगा। लेकिन थाना प्रभारी प्रीति बाथरी ने उनके पक्षकार के साथ अभद्र व्यवहार किया उसके साथ मारपीट की गई। उसे दोपहर से लेकर रात 11 बजे तक थाने पर बैठाया गया। जिसके बाद जब अभिभाषक जीवन सिंह थाने पर गए तो थाना प्रभारी प्रीति बाथरी ने उनके साथ अभद्र व्यवहार करते हुए कहा की आपको यहां आने के लिए किसी ने पीले चावल देकर बुलाया है। वहीं अभिभाषक जीवन से गाड़ी की बैटरी के संबंध में पैसे मांगे, जिस पर अभिभाषक ने पैसे देने से मना कर दिया तो थाना प्रभारी ने कहा की तुम्हारे विरूद्ध झूठा मुकदमा दर्ज कर दूंगी और तुम जिसके लिए आए हो उसके खिलाफ भी झुठा मुकदमा दर्ज करूंगी। इस प्रकार आरक्षी केन्द्र में ही तथाकथित आरक्षी केन्द्र प्रभारी ने स्वयं न्यायाधीश बनकर प्रकरण को निपटाने का विधि विरूद्ध प्रयास किया है। फिर भी अभिभाषक ने उनसे निवेदन किया की उनकी बात सुन लिजिए फिर आपको जो करना है किजिए। लेकिन अभिभाषक की किसी भी प्रकार से कोई बात नहीं सुनी और उनको वहां से तुरंत जाने के लिए कह दिया। साथ ही ज्ञापन के आगे उल्लेख किया गया की जिस व्यक्ति के लिए वह गए थे उसके विरूद्ध झूठी शिकायत कर मेरे पक्षकार से पैसे की मांग की गई। वहीं जिस गाड़ी को लेने के लिए थाना प्रभारी प्रीति बाथरी के द्वारा इंदौर भेजा गया था, वह गाड़ी क्रमांक एमपी 09 जीजी 1427 आयशर में बेट्री नहीं होगी तो मुझ पर दबाव बनाकर मुझसे पैसे लेने की बात कही थी, जिस पर अभिभाषक ने कहा की किसलिए पैसे दूं तो थाना प्रभारी ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया था। अभिभाषक संघ ने मांग की है की थाना प्रभारी के विरूद्ध योग्य अनुशासनात्मक कार्रवाई करके उन्हें यहां से हटाया जाए ताकि भविष्य में अधिवक्तागण के साथ पक्षपात पूर्ण कार्रवाई न हो। अभिभाषक संघ ने थाना प्रभारी पर आरोप लगाते हुए कहा की थाना प्रभारी का आचरण जनता एवं अभिभाषक के विरूद्ध अभद्र पूर्ण व्यवहार के कारण जनमानस में प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है। इस मामले को लेकर सोनकच्छ अभिभाषक संघ ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगदीश डाबर को उचित कार्रवाई करने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया है। इस मौके पर सोनकच्छ अभिभाषक संघ के अध्यक्ष मोहन मालवीय, सचिव अब्दुल समीर शेख, उपाध्यक्ष विवेकानन्द लुनिया, वरिष्ठ अधिवक्ता रविंद्र कुमार व्यास, धर्मेन्द्र सिंह मालवीय अर्जुनसिंह ठाकुर, राजेश सोलंकी सहित जिला अभिभाषक संघ अध्यक्ष मनोज हेतवाल, सचिव प्रवीण शर्मा, पूर्व अध्यक्ष रामप्रसाद सूर्यवंशी, पुस्कालय सचिव पंकज मंगरोलिया व अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।

नोकझोंक का पूरा मामला –

पुलिस थाना सोनकच्छ से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते वर्ष 9.08.2019 को अब्दुल गनी पिता मुंशी खान मंसूरी ने अपना आईसर पिकअप वाहन 1500 रुपए प्रतिदिन याने कि 45000 रू महीना किराए पर जय प्रकाश प्रजापति को दिया था। इधर अब्दुल गनी की पिकअप फाइनेंस थी जिसकी किस्त 28486/- रू प्रतिमाह 06 माह तक जयप्रकाश ने जमा की। वहीं वाहन देने के 10 माह बाद जब अब्दुल गनी किराए की शेष बची राशि 279084/- रु लेने जयप्रकाश के पास गया। तब जयप्रकाश ने राशि देने से इनकार कर दिया। जिसके बाद अब्दुल गनी द्वारा वाहन लौटाने की बात की गई। तब जयप्रकाश द्वारा वाहन भी नहीं लौटाया गया। जिसके बाद मामला थाने पर पहुंचा। जहां दिनांक 26।06 को अमानत में खयानत का मामला सामने आने पर अब्दुल गनी की रिपोर्ट पर आरोपी जयप्रकाश के विरुद्ध आईपीसी की धारा 406 में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। इधर विवेचना के अंतर्गत जब जयप्रकाश को थाने पर बुलाकर वाहन के संबंध में पूछताछ की गई। तब जयप्रकाश द्वारा कभी नागपुर कभी नागदा में वाहन होने की बात पुलिस को कहकर लगातार भ्रमित किया गया। जिसके बाद थाना प्रभारी द्वारा जब जयप्रकाश से सख्ती से पूछताछ की गई तब जयप्रकाश ने वाहन इंदौर अरविंदो अस्पताल चौराहे पर खड़ा होने की बात कही। इस कथन के बाद थाना प्रभारी ने दूरभाष पर वाहन की तस्दीक करवाई जो सही पाई। इस घटनाक्रम के बाद थाना प्रभारी द्वारा आरोपी पक्ष से ही वाहन को इंदौर से सोनकच्छ लाने के लिए कहा गया। बताया जा रहा है कि वाहन तो इंदौर में खड़ा था लेकिन वाहन में बैटरी नहीं थी। इसी पूरे मामले पर थाना प्रभारी व आरोपी पक्ष के वकील आपस में उलझ पड़े।

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