पौधरोपण कर मनाया दंडी स्वामी का जन्मदिवस
सोनकच्छ (संदीप गुप्ता)। वृक्षों की अंधाधुंध कटाई तथा रोड पर दौड़ती करोड़ों गाड़ियों के जहरीले धूएं के कारण बड़ते वायु प्रदुषण से हजारों-लाखों लोग कई प्रकार की श्वास सम्बंधी बीमारियों से पीड़ित होकर अल्पायु में मृत्यु का शिकार हो रहे, जो चिंता का विषय है, यह बात अनंतश्री विभूषित पूर्णभिषिक्त प.पू.दण्डी स्वामी सिद्ध योगी श्री नित्यमुक्तानन्द तीर्थ जी महाराज ने कही। स्वामी जी सोमवार को अपने जन्मदिन के अवसर पर विश्व के चौथे एवं भारत के तीसरे श्री माँ धूमावती शक्तिपीठ श्रीकोटेश्वर धाम कोटड़ा सोनकच्छ परिसर पर पौधरोपण कर रहे थे। उन्होंनें वृक्षों के महत्व को समझाते हुए बताया कि वृक्षों से वर्षा होती है, प्रत्येक प्राणी को प्राणवायु के रूप में आक्सीजन प्राप्त होती है, फल, फूल, पत्ती, लकड़ी प्राप्त होती हैं इसलिए वृक्ष प्रत्येक प्राणी के जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर स्वामीजी ने अपने सभी भक्तों से अपने पितरों की पुण्यतिथि तथा अपने व परिजनों के जन्मदिवस पर पौधारोपण कर पर्यावरण बचाने का उपदेश दिया। इस अवसर पर स्वामीजी ने अगले 2 वर्षों में 500 पौधे लगाने का संकल्प भी लिया।


पौधरोपण के पूर्व स्वामीजी के जन्मदिन के अवसर पर सोमवार को कोटेश्वर धाम पर पहुंचे शिष्यों ने कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के नियमों के तहत सोशल डिस्टनसिंग का पालन करते हुए स्वामीजी के चरणों में पुष्पमाला अर्पित की, फल-मिठाई भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया।

श्री कोटेश्वर महादेव का अभिषेक कर स्वामीजी के दीर्घायु होने की कामना की: –
स्वामीजी के जन्मदिवस के अवसर पर सुबह 9 बजे से उनके भक्तों द्वारा कालीसिंध नदी के तट पर स्थित पाण्डवकालीन श्री कोटेश्वर महादेव का रूद्राभिषेक किया गया। पुजारी पं नर्बदेश्वर पाण्डेय के पांडित्व में संकल्पित यजमानों द्वारा महादेव का पंचामृत से अभिषेक किया गया। महाआरती कर स्वामीजी के उत्तम स्वास्थ्य तथा दीर्घायु होने की कामना की।

यजमान द्वारा यहां स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री माँ धूमावती जी की दिव्य प्रतिमा तथा नवनिर्मित नवग्रह मन्दिर के बाहर विराजित श्री शनिदेव की प्रतिमा का पूजन अर्चन किया गया।