कोविड-19 की जानकारी में पारदर्शिता का अभाव क्यों? 

सोनकच्छ (संदीप गुप्ता)। मीडिया को स्थानीय प्रशासन खासकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना संक्रमण जैसी वैश्विक महामारी की जानकारी देने में पारदर्शिता का अभाव नजर आ रहा है। शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार किसी भी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति का नाम सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। नियम अनुसार शासन के इस निर्देश का मीडिया द्वारा लगातार पालन किया जा रहा है।
इधर इसके विपरीत एक गौरतलब विषय तो यह है कि अब वायरस कोविड-19 से संक्रमित के इष्ट मित्र, समर्थक एवं परिजन स्वंय ही खुलकर महामारी से संक्रमित के छायाचित्र को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अति शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते नजर आ रहे है। इतना ही नहीं हाल ही में एक कोरोना से संक्रमित का उपचार के दौरान ही अस्पताल से वायरल वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है। इस तरह सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट शासन द्वारा मीडिया को दी गई गाइडलाइन को आईना दिखाने में लगी है। हास्य पद विषय तो यह है कि कोरोना से संक्रमित के नाम पते सहित पूरी जानकारी जहां सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से चल रही है। वही स्थानीय अधिकारी मीडिया को संक्रमित के नामों के अतिरिक्त की बाकी डिटेल देने से भी परहेज करते नजर आ रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारीयों के साथ साथ मीडिया कर्मी भी दिन-रात फील्ड में रहते हैं। वर्तमान समय में निर्मित विषम परिस्थितियों में भी अपने नगर व गांव के हालात पर पैनी नजर रख कई बार महत्वपूर्ण जानकारियां प्रशासन तक पहुंचाते हैं। वही ऐसी स्थिति में वायरस कोविड-19 की पुष्टि के लिए क्षेत्र से कुल कितने सैंपल भेजे गए हैं… कितने मामले में पुष्टि हुई है… इस प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी भी मीडिया से साझा करने में स्थानीय स्वास्थ्य विभाग पीछे रहा है। क्षेत्र में महामारी के प्रति सतर्कता व सजगता बनी रहे इस हेतु विभाग द्वारा चल रही गतिविधियों का रिपोर्ट चार्ट नित्य स्थानीय मीडिया कर्मियों से साझा किया जाना चाहिए लेकिन हालात यह है कि मीडिया कर्मी स्वयं अपने सूत्रों से जानकारी एकत्रित कर रहे है।

Rai Singh Sendhav

संपादक

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