तरावीह की नमाज अदा करने वाले हाफिजों किया सम्मान
सोनकच्छ। मुस्लिम समाज ने बुधवार को रमजान माह में शबे कद्र पर अपने अपने घरों पर ही रात भर जागकर इबादत की। इस मौके पर मरहूमों की मगफिरत के लिए दुआ की गई। लॉकडाउन के चलते इस बार मस्जिदों में सिर्फ 5 लोगो के नमाज पढ़ने की अनुमति थी। इस दिन मुस्लिम समाजजनों ने 26वां रोजा रखा।
इस बार हर बार की तरह लोगों ने कब्रिस्तान में जाकर मरहूमों की मगफिरत के लिए दुआ नहीं की, बल्कि घरों में ही दुआ की गई। शबे कद्र की रात को रातभर इबादत की जाती है और अल्लाह को राजी किया जाता है। शबे कद्र पर अपने मरहूम पूर्वजों की मगफिरत के लिए दुआ की जाती है। इस कीमती रात में मुस्लिम समाजजन मस्जिदों में रात भर जाग कर इबादत करते है। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इस बार सभी धर्मो के धार्मिक स्थल बंद है। जिसके चलते रमजान माह में मुस्लिम समाज के 5 लोगो को मस्जिद में नमाज पढ़ने की अनुमति मिली थी। इसी के चलते समाजजनों द्वारा घर में रहकर इबादत की गई। वहीं शबे कद्र की रात को तरावीह की विशेष नमाज अदा करने वाले हाफिज साहबोंं को भी सम्मनित किया गया।
