कोरोना काल के बीच उपचुनाव को लेकर शुरू हुए सियासत के दांवपेच 

सोनकच्छ/हाटपीपल्या (संदीप गुप्ता)। कोरोना से जंग का दौर चल ही रहा है वही दूसरी ओर हाटपिपलिया नगर पंचायत में सीएमओ का प्रभार देख रहे अधिकारी को प्रभार से मुक्त कर दिया गया। उनकी जगह अब करनावद नगर पंचायत के सीएमओ हाटपिपलिया का भी प्रभार देखेंगे। हाटपिपलिया नगर पंचायत में हुए इस फेरबदल को आगामी समय में होने वाले उपचुनाव की सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है। अशफाक खान लंबे समय तक सोनकच्छ नगर पंचायत में रहे हैं। सोनकच्छ नगर पंचायत के अध्यक्ष रहे राजवीर सिंह बघेल इस बार हाटपिपलिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रबल दावेदार हैं। ऐसा माना जा रहा है कि खान की बघेल से नज़दीकियों के चलते उन्हें प्रभार मुक्त किया गया है।

Rai Singh Sendhav
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जारी आदेश की छायाप्रति

खान को हाटपिपलिया सीएमओ के प्रभार से किया मुक्त
27 जनवरी 2020 को राजस्व उपनिरीक्षक मोहम्मद अशफाक खान को नगर परिषद हाटपिपलिया में मुख्य नगरपालिका अधिकारी का प्रभार सौंपा गया था। वहीं बुधवार को सयुंक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्जैन द्वारा जारी आदेश के अनुसार करनावद नगर परिषद के प्रभारी सीएमओ रामचंद्र सोनेर अपने कार्य भार के साथ-साथ अब मुख्य नगरपालिका अधिकारी हाटपिपल्या का कार्यभार भी संभालेंगे।

चर्चा में रहा पूरा घटनाक्रम –
क्षेत्र में चर्चा बनी हुई है कि हाटपिपलिया नगर परिषद के प्रभारी सीएमओ मोहम्मद अशफाक खान, सोनकच्छ प्रभारी सीएमओ भी रह चुके हैं। लंबे समय से सोनकच्छ नगर परिषद में कार्यरत रहे खान पूर्व नपाध्यक्ष राजवीर सिंह बघेल के नेतृत्व में भी काम कर चुके हैं। वही राजवीर सिंह बघेल को हाटपिपलिया से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में प्रबल दावेदारी के साथ देखा जा रहा है। चर्चाएं है कि इसी के चलते सत्ता पक्ष द्वारा उपचुनाव में क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने हेतु सीएमओ के प्रभार से खान को मुक्त किया गया है।

राजनीति दांव पेच के शिकार हुए खान – 
कहा जाता है कि जनवरी में कांग्रेस से विधायक रहे मनोज चौधरी की सहमति के बाद ही खान को हाटपिपल्या नगर परिषद का प्रभार सौंपा गया था। जिसके बाद से ही खान ने अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए अपनी कार्यशैली से क्षेत्र की जनता में भी लोकप्रियता हासिल कर ली। क्षेत्र की जनता के हित में लगातार कार्य करने वाले अधिकारी को प्रभार मुक्त कर अन्यंत्र परिषद के प्रभारी को ही एक और दूसरी परिषद हाटपिपल्या का प्रभार सौंपे जाने पर कहा जा रहा है कि खान राजनीति का शिकार हो गए। वहीं अन्यंत्र परिषद का प्रभार देख रहे अधिकारी अब इस कोरोना काल में कैसे क्षेत्र में जनहितार्थ हेतु नित्य अपने कार्यों को संपादित कर सकेंगे।

कोरोना काल में मुस्तैदी से डटे रहे-
कोरोना ने हाटपिपलिया में भी प्रवेश कर दिया था। जिसके बाद समूचे क्षेत्र को सुरक्षित रखने हेतु अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ नपा के प्रभारी सीएमओ खान ने अपने दायित्वों के निर्वहन में कोई कसर नहीं छोड़ी। विपरीत परिस्थिति में सतत सफाई व्यवस्थाओं के साथ साथ नालियों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव, मच्छरों से बचाव हेतु फागिंग मशीन का प्रयोग, जरूरतमंदों के लिए भोजन व्यवस्था, मंदिर, मस्जिद, सार्वजनिक स्थलों, क्वॉरेंटाइन सेंटरों, कंटेनमेंट एरिया, में लगातार सैनिटाइजर का छिटकाव, शासकीय कार्यालयों से लेकर घुमक्कड़ जाति के डेरों व अन्य स्थानों पर पेयजल की व्यवस्था के साथ-साथ कोरोना फाइटर्स को पीपीई किट एवं माक्स वितरित करने जैसे कार्यों को बेहतर ढंग से संपादित करने में परिषद के अन्य कर्मचारियों सहित शासन प्रशासन का भरपूर सहयोग मिला। इसके साथ ही खान ने नगर परिषद भौंरासा, गरोठ, भानपुरा में भी अपने कार्यो से आम जन में अपनी छाप छोड़ी है।

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