हाटपिपलिया विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस से राजवीर सिंह बघेल प्रबल दावेदार…

सोनकच्छ / हाटपीपल्या (संदीप गुप्ता)। हाटपिपलिया विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होना है। कांग्रेस से भाजपा में गए पूर्व विधायक मनोज चौधरी का नाम जहां भाजपा से लगभग तय है। वही कांग्रेस से राजवीर सिंह बघेल प्रबल दावेदार हैं। हाटपिपलिया विधानसभा सीट से राजेन्द्र सिंह बघेल तीन बार विधायक रह चुके हैं। करीब 30-35 सालों से हाटपिपलिया क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय राजेन्द्र सिंह बघेल के पुत्र राजवीर सिंह बघेल की हाटपिपलिया विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता बढ़ गई है। उन्होंने कोरोना काल के चलते पिछले दिनों कोरोना योद्धाओं को पीपीइ किट और मास्क का वितरण कर साल श्रीफल से सम्मानित किया।

Rai Singh Sendhav

कोरोना काल में गली मोहल्लों में राजनीतिक चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया। हाटपिपलिया विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव को देखते हुए यहां की राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ी हैं। भाजपा से मनोज चौधरी  का नाम लगभग तय होने के बाद ऐसी कवायद है की यहां अब मनोज चौधरी और कांग्रेस के राजवीर सिंह बघेल के बीच सीधा मुकाबला हो सकता है। क्योंकि इस सीट पर कांग्रेस के बघेल परिवार का लंबे समय तक दबदबा रहा है और आज भी यह सतत संपर्क में है।

आपको बता दें मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 22 विधायकों के एक साथ इस्तीफे दिए जाने की वजह से कांग्रेस की सरकार गिर गई और भाजपा सत्ता में आई है। कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले 22 विधायकों में मनोज चौधरी भी शामिल थे। इन 22 सीटों के अलावा दो अन्य खाली विधानसभा सीटों सहित कुल 24 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होना है। यह उपचुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया है की यहां से भाजपा अपने आप को सत्ता में बरकरार रखने के लिए पूरा दम लगाएगी, वही कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए एड़ी चोटी की ताकत लगाएगी।

निश्चित रूप से सत्ता में आने हेतु आगामी उपचुनाव में कांग्रेस कोई जोखिम नहीं उठाना चाहेगी। ऐसी परिस्थितियों में हाटपिपलिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस से बघेल को ही एकमात्र मजबूत विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। राजवीर सिंह बघेल के पिता ठा. राजेंद्र सिंह बघेल के जीवन की राजनीतिक यात्रा का एक लंबा समय हाटपिपलिया विधानसभा क्षेत्र में बीता है। करीब 35 वर्षों की राजनीतिक यात्रा में बघेल बेदाग एवं दबंग छवि के नेता रहे हैं। आज भी उनका सतत सीधा संपर्क विधानसभा क्षेत्र की जनता से है। बघेल अपनी अनुशासित जीवनशैली, स्वभाव की सरलता से लोकप्रिय होने के साथ-साथ एक उन्नत किसान के रूप में खेती को सम्मान दिलाने के लिए जाने जाते हैं।

सेवा भाव के साथ जुटे क्षेत्र में  –
हाटपिपलिया क्षैत्र के कोरोना योद्धा जो सतत अपनी जान हथेली पर लेकर क्षेत्र की आम जनता की सुरक्षा हेतु पूर्ण सेवा भाव के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर वैश्विक महामारी को हराने में जुटे हैं। ऐसे योद्धाओं का कांग्रेस नेता  राजवीर सिंह बघेल द्वारा हौसला बढ़ाते हुये उन्हें 10 पीपीई किट व 300 माक्स का वितरण कर, पुष्पमाला के साथ शाल भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। इसके साथ ही सिंगावदा, लसूड़िया, छत्रसाल,  करना खेड़ी, भीमची, नागू खेड़ी में भ्रमण कर आम लोगों की कुशल क्षेम जानी और साथ ही  कोरोना महामारी से निपटने के लिए सतर्कता व सजगता रखने की बात कहकर संकट की इस घड़ी में हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया। वर्षों से क्षेत्र में अपने जीवंत संबंधों के प्रति पूर्ण सेवा भाव से विषम परिस्थितियों में जनमानस के हितेषी कार्यों की पूर्ति हेतु बघेल का क्षेत्र में सतत भ्रमण जारी है।

राजवीर सिंह की राजनीतिक पृष्ठभूमि- 
राजवीर सिंह भी अपने पिता के भांति राजनीति में सतत सक्रिय रहे हैं। 1994 से 1999 तक नगर परिषद सोनकच्छ में उपाध्यक्ष पद पर आसीन रह चुके हैं। 1999 से 2009 तक नगर पालिका सोनकच्छ के अध्यक्ष रहते हुए राजपूत समाज युवा संगठन के अध्यक्ष रहे हैं। साथ ही सामाजिक संस्थान आनंद आश्रम, रोटरी क्लब, यंग मैन वेलफेयर सोसाइटी से जुड़कर कई सामाजिक कार्यक्रम एवं भारतीय सेना के नौजवानों के लिए चैरिटी शो का आयोजन चुके हैं। इसके साथ ही राजवीर सिंह ब्लॉक युवक कांग्रेस अध्यक्ष, भाराछासं उज्जैन संभाग महामंत्री, मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस उपाध्यक्ष, जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण उपाध्यक्ष आदि पदों पर आसीन होकर पूर्ण निष्ठा व समर्पण के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं।

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