कसरावद एसडीएम के अथक प्रयास से अब सभी श्रमिक पहुंच सकेंगे अपने गंतव्य तक….
पूर्व विधायक द्वारा श्रमिकों को भोजन उपलब्ध कराया गया….
सोनकच्छ, (संदीप गुप्ता)। ग्राम भीलगांव तहसील कसरावद जिला खरगोन में स्थित वेरिट ग्लोबल लिमिटेड कंपनी में कार्य करने वाले 206 श्रमिक मंगलवार शाम 7 बजे, 6 बसों में बैठकर बिहार के लिए निकले थे। जो पिछले 2 दिनों से सोनकच्छ थाना सीमा में ही फसे पड़े हैं। ये 206 श्रमिक पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, बिहार आदि प्रदेशों से है।


मालिक छोड़ नहीं रहा था प्रशासन ने की व्यवस्था –
इन 206 श्रमिकों में से राहुल कुमार ठाकुर निवासी मोतिहारी जिला बिहार में मीडिया को बताया कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के चलते हम अपने घरों को जाना चाह रहे थे। लेकिन मालिक द्वारा हम पर दबाव बनाकर कंपनी में कार्य करने को लगातार विवश किया जा रहा था। जिसके बाद खरगोन एसडीएम एवं आरटीओ के हस्तक्षेप के बाद हमें 6 बसों के माध्यम से अपने गंतव्य के लिए रवाना किया गया।

देवास पहुंचो आगे की व्यवस्था वहां होगी –
प्राप्त जानकारी अनुसार खरगोन से प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इन श्रमिकों को आश्वस्त किया गया कि देवास पहुंचने के बाद आप सभी को देवास से अपने अपने गंतव्य के लिए सुलभता के साथ पहुंचा दिया जाएगा। हम देवास में व्यवस्था कर चुके हैं। वहीं श्रमिकों ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि हमें देवास में बस से उतरने तक नहीं दिया गया व सीधे दौलतपुर के लिए रवाना कर दिया गया। इधर उधर भटकने के बाद विश्राम हेतु उचित स्थान देखते हुए के लिए हम रिवांचल ढाबे पर आकर रुके।
बुधवार शाम को खरगोन एसडीएम से की चर्चा –
श्रमिक राहुल कुमार ठाकुर ने बताया कि बुधवार शाम 6:00 बजे के आसपास खरगोन एसडीएम व आरटीओ से उनके द्वारा चर्चा की गई थी। जिसके बाद राहुल को आश्वासित किया गया था कि हम आपको एक लिस्ट भेज रहे हैं। जो श्रमिक जिस प्रांत का है उसे आप अपनी सुविधा के आधार पर बस में एडजस्ट कर लीजिएगा। लेकिन अभी तक किसी प्रकार की लिस्ट श्रमिकों को उपलब्ध नहीं हो पाई है।
पूर्व विधायक ने श्रमिकों को भोजन उपलब्ध कराया –
प्राप्त जानकारी अनुसार बुधवार रात्रि में सोनकच्छ क्षेत्र में फंसे 206 श्रमिकों की जानकारी जब पूर्व विधायक राजेंद्र वर्मा को लगी। तब उनके द्वारा अपने कार्यकर्ताओं को सूचना दी गई। जिसके बाद रात्रि का समय होने से कार्यकर्ताओं द्वारा समाजसेवी अखिलेश अग्रवाल से संपर्क किया गया। सर्वज्ञ है कि अग्रवाल अपने सहयोगियों के साथ बड़े पैमाने पर सेवा कार्य में सतत जुटे हुए हैं। इनके द्वारा क्षेत्र से होते हुए पलायन कर रहे लोगों के लिए रात्रि में भी भोजन की व्यवस्था पर्याप्त रखी जाती है। जिसके चलते पूर्व विधायक के कार्यकर्ताओं द्वारा रात्रि लगभग 11:00 बजे श्रमिकों को भोजन उपलब्ध कराया गया। वहीं इन श्रमिकों को गुरुवार दोपहर के भोजन की व्यवस्था भी विधायक वर्मा के माध्यम से कराई गई।
डीजल खत्म हो गया –
इधर गुरुवार दोपहर जब मौके पर मीडिया पहुंची तब उपस्थित श्रमिकों ने बताया कि बसों में डीजल खत्म हो गया है। बस ऑपरेटर अन्य ड्राइवरों को लेकर मौके पर पहुंच रहे हैं। उनके आते ही हम अपने गंतव्य को रवाना हो जाएंगे। हमें यहां भोजन पानी की पर्याप्त व्यवस्था करा दी गई है।
खरगोन जिला प्रशासन ने की व्यवस्था
बताया जा रहा है कि कुछ दिनों तक यही ठहरने की समझाइश देकर, धागा फैक्ट्री के इन श्रमिकों को अपने गंतव्य तक पहुंचाने के लिए लगभग 1 सप्ताह पहले ही कसरावद एसडीएम नेहा शिवहरे द्वारा ट्रेन के लिए रजिस्ट्रेशन तक कराया जा चुका था। एसडीएम खरगोन द्वारा भील गांव में ही इनके रुकने एवं राशन के लिए पर्याप्त व्यवस्था करा दी गई थी। लेकिन ये श्रमिक परिवार तनिक भी वहां रुकना नहीं चाह रहे थे एवं पैदल ही अपने गंतव्य को जाने के लिए तैयार हो गए थे। कंपनी मालिक भी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से इन श्रमिकों को अपने गंतव्य तक भेजने में असमर्थ था। जिसके बाद कसरावद एसडीएम द्वारा जिला प्रशासन खरगोन एवं देवास एसडीएम चौहान से चर्चा कर इन्हें 6 बसों के माध्यम से देवास के लिए रवाना किया गया। यहां से इन्हें जिला प्रशासन के द्वारा अपने अपने प्रांतों के लिए रवाना किया जाना था। लेकिन देवास पहुंचने के बाद ये श्रमिक बस छोड़ने के लिए ही तैयार नहीं हुए।
इन बसों में भी डीजल खत्म हो चला था। वही इन 6 बसों में से एक बस के ड्राइवर को डायबिटीज है। लंबे सफर के लिए बस ऑपरेट करने हेतु 2-3 एक्स्ट्रा ड्राइवर की भी आवश्यकता थी। इधर सूचना मिलने पर तुरंत ही बुधवार रात्रि को 1 बजे एसडीएम शिवहरे द्वारा आरटीओ से चर्चा कर, जिला प्रशासन से इन श्रमिकों को मध्य प्रदेश बॉर्डर तक छोड़ने की अनुमति दिलाई गई। रातो रात खरगोन जिला प्रशासन की इस पहल के बाद गुरुवार सुबह खरगोन जिले से बस मालिक पर्याप्त डीजल की व्यवस्था करने, दो एक्स्ट्रा ड्राइवरों को लेकर श्रमिकों को अपने गंतव्य तक पहुंचाने के लिए निकल पड़े। इनके मौके पर पहुंचते ही सभी श्रमिकों को अपने-अपने प्रांतों के समीप की मध्य प्रदेश बॉर्डर तक सुलभता के साथ पहुंचा दिया जाएगा।
इस संबंध में पूर्व विधायक राजेंद्र वर्मा से उनके मोबाइल पर फोन लगाया गया तब संपर्क नहीं हो सका।
हमारे द्वारा इस संबंध में खरगोन आरटीओ शैलेंद्र निगम से चर्चा हुई है। बिहार तक जाने के लिए बस चलाने के लिये अल्टरनेट ड्राइवर भी चाहिए। जो वहां से निकल चुके हैं। उनके आते ही श्रमिकों को अपने गंतव्य के लिए रवाना कर दिया जाएगा।
अंकिता जैन
सोनकच्छ एसडीएम