
जेसीबी मशीन से करीब 2 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन…
करीब 20-25 फिट गहराई में मिट्टी में दबे युवकों में से एक को आसानी से बाहर निकाला गया….
एक की हुई मौत जबकि एक अन्य को काफी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया…
जवाहर नगर के पीछे अमृत नगर की घटना।
नगर निगम एवं सीवरेज कम्पनी के जिम्मेदारों की लापरवाही हुई उजागर… पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे…
निगम आयुक्त संजना जैन ने सब इंजीनियर दिनेश चौहान को किया निलंबित…
4 सदस्यीय जांच टीम बनाई,
10 बिंदुओं पर करेगी जांच।एक सप्ताह के भीतर जांच टीम सौपेगी रिपोर्ट।
देवास। शहर में सीवरेज के लिए खोदे गए गड्ढे में उस समय अचानक मिट्टी धंस गई जब करीब 25 फीट गहरे गड्ढे के अंदर तीन मजदूर काम कर रहे थे। मिट्टी धंसने से तीनों मजदूर उसमें दब गए। इनमें से एक को तो आसानी से निकाल लिया गया लेकिन दूसरे को निकाला तो वह मृत अवस्था में पाया गया। वहीं बाद में और मशक्कत के बाद जब तीसरे को बाहर निकाला गया तो वह सुरक्षित बाहर आ गया,जिसे तत्काल उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा गया।
इस हादसे में सीवरेज का काम कर रही लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन और नगर निगम के अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही उजागर हुई है।
घटना देवास के अमृत नगर की है जहां सीवरेज की खुदाई और पाइप लाइन डालने का काम चल रहा है। करीब 20 से 25 फीट गहरे गड्ढे में उतर कर तीन मजदूर काम कर रहे थे उसी दौरान आसपास की मिट्टी अचानक धस गई और सीवरेज का काम कर रहे तीनों ही मजदूर उस मिट्टी में दब गए। घटना की जानकारी लगते ही भारी पुलिस बल सहित आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। जेसीबी मशीन के जरिए मिट्टी हटाकर रेस्क्यू शुरू किया गया। इस दौरान वहां काम कर रहा अरविंद नामक मजदूर तो आसानी से बाहर निकल आया किंतु दो अन्य दबे मजदूरों को निकालने के लिए पुलिस प्रशासन के अमले को काफी मशक्कत करना पड़ी। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद जब धार जिले के निवासी विनोद पिता मेहताब 30 वर्ष को बाहर निकाला गया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। रेस्क्यू के दौरान जब झाबुआ जिले के निवासी मनीष को बाहर निकाला गया तो वह पूरी तरह सुरक्षित था उसके बाद भी उसे स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया।
आपको बता दें दोनों घायल मजदूर झाबुआ जिले के रहने वाले हैं जबकि मृत मजदूर विनोद धार जिले का रहने वाला है। इस पूरे मामले में सीवरेज का काम कर रही लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन कंपनी की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां तक कि रेस्क्यू कर निकाले गए मनीष नामक मजदूर की उम्र को लेकर सवाल उठने लगे हैं। बताया जा रहा है कि वह बाल श्रमिक के रूप में काम कर रहा था। अगर ऐसा था तो उक्त कंपनी के अधिकारी कर्मचारियों के साथ नगरनिगम के अधिकारियों की भी लापरवाही उजागर हो रही है जो नगर में चल रहे कार्य का ना तो सही तरीके से निरीक्षण कर रहे हैं और ना ही सुरक्षा के साधन मुहैया कराने के लिए संबंधित ठेका कंपनी को निर्देशित कर रहे हैं। घटना के बाद शहर में इस बात की मांग उठने लगी है कि मामले के जिम्मेदारों के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज होना चाहिए।
वहीं निगम आयुक्त संजना जैन ने जिम्मेदार सब इंजीनियर दिनेश चौहान को निलंबित कर 4 सदस्यीय जांच टीम बनाई है,जो
10 बिंदुओं पर जांच कर एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।
