नगरनिगम परिसर में शहर कांग्रेस ने किया शुद्धीकरण यज्ञ

31 दिसंबर को नगर निगम परिषद का कार्यकाल हुआ खत्म, कलेक्टर बने हैं प्रशासक
शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने पुरानी परिषद के राजा को बताया भ्रष्टाचार का असुर…
विधायक ने कहा निगम परिसर के अंदर यह होना संविधान के खिलाफ
पूर्व महापौर ने कहा यह सिर्फ चुनावी नौटंकी
देवास। देवास नगर निगम परिषद का 31 दिसंबर को कार्यकाल समाप्त हो गया। 1 जनवरी को विदाई समारोह हुआ और देवास कलेक्टर श्रीकांत पांडे नगरनिगम के प्रशासक बन गए। उसके बाद 2 जनवरी को शहर कांग्रेस ने नगर निगम परिसर में तमाम कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचकर नगरनिगम शुद्धिकरण के लिए यज्ञ और हवन किया। साथ ही उत्तराखंड से बुलाए गए गंगाजल को छिटककर नगर निगम का शुद्धिकरण किया। सर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने कहा पुरानी परिषद में यहां भ्रष्टाचार और ऐसे करते हुए हैं जिससे नगरनिगम परिसर अपवित्र हो गया था जिसके शुद्धिकरण के लिए यहां यज्ञ और हवन किया गया है। वही भाजपा से विधायक गायत्री राजे पवार ने इसे संविधान के खिलाफ बताया है।

Rai Singh Sendhav

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दरअसल देवास में अब तक नगर निगम परिषद पर भाजपा का कब्जा था। सुभाष शर्मा यहां के महापौर थे। 31 दिसंबर को नगर निगम परिषद का कार्यकाल पूर्ण होने पर कलेक्टर श्रीकांत पांडे को यहां का प्रशासन बनाया गया है। पुरानी परिषद का 1 जनवरी को नगरनिगम में विदाई समारोह हुआ। विदाई समारोह के बाद शाम को शहर कांग्रेस ने नगरनिगम के शुद्धिकरण की घोषणा की। आज शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी अपने तमाम कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ नगरनिगम पहुंचे। जहां गंगाजल छिटका गया। साथी पंडितों के मंत्रोचार से यहां यज्ञ और हवन किया गया।

क्या बोले शहर कांग्रेस अध्यक्ष-
शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने कहा की जब राजा पवित्र हो तो सेना और प्रजा भी उसी हिसाब से कार्य करती है लेकिन जब राजा ही भ्रष्ट हो जाए तो सेना से अपेक्षा करना बेमानी होता है। ऐसे में जब मुक्ति मिली हो भ्रष्टाचार के उस असुर से जिसने की खूब तांडव किया हो… भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा पार कर दी हो ऐसे में दोष उस भवन में आ जाते हैं जहां बैठकर शहर के निर्णय लिए जाते हैं। तो उसे शुद्ध करने के लिए हमने उत्तराखंड से बुलाए गए गंगाजल और हवन यज्ञ करा कर इसका शुद्धीकरण किया है।
क्या बोली विधायक-
इस मामले में देवास से भाजपा विधायक गायत्री राजे पंवार का कहना है कि अशुद्ध हुई या नहीं यह तय करने का अधिकार तो जनता के पास है पर कांग्रेस को वहां जाकर यज्ञ करने का अधिकार किसने दिया यह मैं जानना चाहती हूं। क्या सभी को यह परमिट है नगरनिगम में जाकर इस तरह के कार्यक्रम करने का यह मैं कमिश्नर से पूछूंगी। अगर है तो एक-आध कार्यक्रम हम भी रख लेंगे वहां पर। उन्होंने कहां क्या इस तरह का परमिट देना संवैधानिक है। मैं जानती हूं की ऐसी परमिशन देना अलाउड नहीं है।

संपादक

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