जामनेर नदी मे आई बाढ,, खातेगांव- नसरुल्लागंज मार्ग रहा घंटों बंद

बाऱिश के चलते चारो ओर

पानी ही पानी

प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट

अनिल उपाध्याय
खातेगांव। खातेगांव क्षेत्र में देर रात से तेज बारिस होने की वजह से चारों ओर पानी पानी दिखाई दे रहा है बारिश की वजह से खातेगांव नसरुल्लागंज मार्ग कई घंटों तक बंद रहा जामनेर नदी के किनारे स्थित 1 दर्जन से अधिक गांव में बाढ़ का प्रभाव देखा गया जिसके चलते ग्रामीणों कुछ समय के लिए दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा लेकिन प्रशासन द्वारा पूर्व से की गई तैयारी के चलते शासन के नुमाइंदों द्वारा बाढ़ से निपटने के लिए ग्रामीणों को सहयोग प्रदान किया गया।

Rai Singh Sendhav

वही जामनेर नदी पुल पर पुलिस की
तैनाती के चलते वाहनों एवं राहगीरों को पुल पार नहीं करने दिया तथा दोनों और वाहनों को रोक दिया गया जामनेर नदी के किनारे स्थित ग्राम पटरानी जियागांव गुजरगांव कणा संदलपुर सहित आधा दर्जन नदी किनारे पर बसे ग्रामीणों के घर में जामनेर नदी का पानी घुस जाने के कारण परेशान का सामना करना पड़ा वही कहीं जगह पर जामनेर नदी का पानी खेतों में घुस गया है
खातेगांव-नसरुल्लागंज मार्ग के बीच संदलपुर के पास जामनेर नदी पुल के उूपर पानी आ जाने के कारण 5 घंटे अवरुद्ध रहा मार्ग जिसके चलते यात्रियों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा जमनेर नदी में आई बाढ़, से क्षेत्र के कई गांव की निचली बस्ती व कच्चे मकानो में पानी भरा गया, जिसके चलते राशन , व अन्य सामान पानी मे डूब गए। व खेतो में नदी के पानी भराने से काफी किसानों ने फसलो के नुकसान होने की आंशका व्यक्त की हे!
वह तो गनीमत रही की नर्मदा नदी का जल स्चर काफी कम था जिसके कारण नर्मदा तट से लगे बाढ ग्रस्त ग्रामो के हालात बैकाबू नही हुए अन्यथा प्रशासन के सामने बडी परेशानी आ सकती थी!
उधर एसडीएम शोभाराम सोलंकी, तहसीलदार अलका एक्का, सीओ जनपद पंचायत अफसर खान सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी बारिश एवं बाढ से प्रभावित होने वाले ग्रामों पर सतत निगाह रखे हुए हे! अधिकारियों ने पटवारी, चौकीदार, रोजगार सहायक, ग्राम सुरक्षा समिति के पदाधिकारियों को पूरी तरह से अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं !तथा जामनेर नदी की बाढ़ से प्रभावित होने वाले ग्रामों की स्थिति पर सतत नजर रखने की बात कही हे! ताकि किसी भी प्रकार की स्थिति निर्मित होने पर तत्काल राहत एवं सुरक्षा मुहैया कराई जा सके अधिकारी गणों ने निचली बस्तियों एवं नदी किनारे स्थित कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की बात कही है !

संपादक

+ posts

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Notifications OK No thanks