विदेश जा कर नौकर नहीं बल्कि स्वामी विवेकानंद बन करें अपनी संस्कृति का प्रचार-प.देवकृष्ण व्यास

पूर्व छात्र सम्मेलन में गूंजी भारत माता की आरती

बागली (सोमेश उपाध्याय)। आज के बदलते परिवेश में विद्यार्थीयो में समाज और राष्ट्र के प्रति उनके दायित्वों के प्रति भी जागरूक करना होगा।नही तो युवा पीढ़ी अपने जीवन और उनके दायित्वों के बारे में जिम्मेदार नहीं हो पाएंगे।शिशु मंदिर में संस्कारों के साथ ही माँ भारती की सेवा का भाव भी जागृत किया जाता है।उक्त उद्बोधन प्रख्यात कवि व विध्यभारती के जिला प्रमुख प.देवकृष्ण व्यास ने रविवार को सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित पूर्व छात्र सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए।श्री व्यास ने कहा कि हम विदेश में जा कर नोकर नही बल्कि स्वामी विकेकानन्द बन अपनी संस्क्रति का प्रचार करें।कार्यक्रम का शुभारंभ माँ स्स्वती व भारत माता के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्ववलन व माल्यार्पण के साथ हुआ।कार्यक्रम के प्रथम सत्र में संस्थान के अध्यक्ष माणकचन्द्र रूपायला व श्याम गुप्ता मंचासीन थी। विद्यालय के छात्रों ने नृत्य-नाटिका व गीतों की रंगारंग प्रस्तुति दी।स्वागत भाषण व वार्षिक जानकारी प्राचार्य मुकेश दांगी ने दी!अगले सत्र के मुख्य वक्ता विध्यभारती के मालवा प्रान्त आयाम प्रमुख अम्बिका दत्त कुंडल थे।कुंडल ने अपने व्यक्तव्य में शैक्षणिक संस्थाओं सहित शैक्षिक निकायों से जीवंत संपर्क बनाने एवं समितियों मे तथा पूर्व छात्रों की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।उन्होंने बताया कि सरस्वती शिशु मंदिर के कई पूर्व छात्र शासकीय, अशासकीय क्षेत्रों में अपनी एक पहचान बनाए हुए हैं। शिशु मंदिर से मिले संस्कारों और नैतिक शिक्षा का प्रसार कर रहे हैं।कार्यक्रम में सभी पूर्व छात्र-छात्राओं ने अपने-अपने अनुभव सुनाएं और कई उपयोगी जानकारियां दीं। प्राचार्य दांगी ने बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य विद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न सामाजिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक प्रसार और समरसता के कार्यों में जोड़ना है। कार्यक्रम में विद्यालय के पूर्व छात्र अशोक पाटिदार ने अमेरिका से ऑडियो रिकार्डिंग से अपने अनुभव साँझा किए!कार्यक्रम का समापन प.व्यास के ओजस्वी स्वरो में भारत माता की आरती के साथ हुआ। सञ्चालन कु.अर्चना रूपायला ने किया व आभार समिति के अध्यक्ष माणकचंद रूपायला ने माना।
कार्यक्रम में विद्यालय की नींव स्थापित करने में भूमिदान कर अपना विशिष्ठ योगदान देने वाले सेठ त्रिलोकचंद्र बड़ोला,स्व.भगीरथ गुप्ता,स्व.दिनकर राव मुंगी आदि का भी उल्लेख कर पूर्व विद्यार्थियों से राष्ट्र के प्रति अपने नैतिक दायित्वों के निर्वहन की बात कही!कार्यक्रम में समिति के सुभाष कारपेन्टर,कान्तिलाल सोलिया, इन्द्रनारायण गुप्ता,ग्राम भारती के चिपकेश्वर शर्मा,धर्मेंद्र सैंधव,अखिल नाहर,अखिलेश मण्डलोई आदी का विशेष सहयोग रहा।

Rai Singh Sendhav

संपादक

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