धार की एक बैंक से 1.28 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाला बैंक कैशियर  पुलिस के हत्थे चढ़ा

एक वर्ष से फरार चल रहा था आरोपी… गिरफ्तारी हेतु 10 हजार रुपय का ईनाम था घोषित…

इन्दौर, देवास, खण्डवा में फरारी काट हा था आरोपी…

पहचान छुपाकर, जोमेटो एप्पलीकेशन के जरियें फूड डिलीवरी का काम करने लगा था आरोपी…

इंदौर। करीब एक वर्ष पूर्व एचडीएफसी बैंक की धार जिले की शाखा मे 1.28 करोड रुपये का घोटाला कर फरार हुआ आरोपी अंकित घाटे इंदौर क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ गया। आरोपी इन्दौर के राजमोहल्ला में जोमेटो फूड डिलीवरी कंपनी में स्वंय की पहचान छुपाते हुये नाम बदलकर नौकरी कर रहा था। आरोपी अंकित घाटे के विरुध्द थाना नौगाँव जिला धार मे अपराध पंजीबध्द होकर विवेचनाधीन है। आरोपी के विषय में छानबीन करने पर यह ज्ञात हुआ कि वह आरोपी घटना दिनांक से ही फरार होकर, इन्दौर, खण्डवा, देवास तथा उज्जैन आदि शहरों में छुपकर फरारी काट रहा था।

Rai Singh Sendhav

आपको बता दें पुलिस उपमहानिरीक्षक हरिनारायणाचारी मिश्र इन्दौर (शहर) ठगी/धोखाधड़ी तथा सायबर अपराधों को अंजाम देकर, फरारी काट रहे उद्घोषित ईनामी आरोपियों की पतारसी कर उनकी धरपकड़ करने बावत् इंदौर पुलिस को निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देशों के तारतम्य मे पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) इंदौर मो. यूसुफ कुरैशी के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रांच अमरेन्द्र सिंह व्दारा क्राईम ब्रांच की समस्त टीम प्रभारियों को इस दिशा में प्रभावी कार्यवाही हेतु समुचित निर्देश दिये गये।

क्राईम ब्रांच की टीम द्वारा राजमोहल्ला इंदौर से मुताबिक सूचना के एक व्यक्ति को पकड़ा जिसने अपना नाम अंकित घाटे पिता नरहरी घाटे उम्र 28 साल निवासी 08 हैप्पी विला कालोनी थाना नौगाँव जिला धार का होना बताया। आरोपी अंकित घाटे को पुलिस टीम द्वारा पुलिस अभिरक्षा में लिया गया। उसने बताया कि वह धार का रहने वाला है तथा बी.ई (कंप्यूटर साइंस) से ग्रेजुएट है। आरोपी ने बताया कि उसके पिता भी पूर्व मे बैंक में काम करते थे जोकि सेवानिवृत्त हो चुके हैं। आरोपी ने इंजीनियरिंग करने के बाद आईटी कंपनी में नौकरी की तलाश की किंतु सफलता ना मिलने के कारण उसने एचडीएफसी बैंक जिला धार में नौकरी करना शुरु कर दी थी। जहां उसका मासिक वेतन 19 हजार रुपये तय था तथा वह कैशियर के पद पर नियुक्त होकर काम करता था। आरोपी ने बताया कि बैंक की शाखा में दिन भर मे जितना भीं पैसो का लेन देन होता था। पूरा उसी की देखरेख में होता था। वही शाम को हिसाब बनाकर पूरा कैश बैंक के लॉकर मे जमा करता था।
आरोपी अंकित ने तरीका वारदात के संबंध में खुलासा किया कि वह ग्राहक द्वारा जमा की जा रही राशि की कंप्यूटर में एण्ट्री करते समय संपूर्ण रकम की राशि को लिखकर उसमें प्रारूप अनुसार दर्शाये नोटों की संख्या को कम लिखता था। उदाहरणवरूप किसी ने 1 लाख रुपये जमा कराये जिसमे 500 रुपये के 200 नोट है तो आरोपी अंकित उसमें से 8 नोट निकाल लेता था जब कंप्यूटर मे एंट्री करना होती तब 500 रुपये के 192 नोट लिख देता तथा कुल राशि 01 लाख ही लिख देता था। ऐसे दिनभर मे कई खातों के लेनदेन मे वह नोट चुरा लेता था, बैंक में वैरीफीकेशन के दौरान नोटो की जो संख्या लिखी होती उसका मिलान अलग से होता था। कुल राशि का अलग तो ऐसी स्थिति में कंप्यूटर में फीड की गई जानकारी पर नोटों की संख्या समान दिखती तथा फीड किये गया कैश की रकम भी बराबर मिलती थी। परिणास्वरूप आरोपी पर किसी को शक नहीं होता था, इस तरह आरोपी अंकित ने एचडीएफसी बैंक की धार शाखा में नौकरी करते हुये कुल 01 करोड़ 28 लाख रुपये का गबन कर फरार हो गया था।
पूछताछ मे आरोपी ने बताया कि उसके पिता नरहरि भी जिला सहकारी सेन्ट्रल बैंक मे नौकरी करते थे। जिन पर भी पैसों के गबन का आरोप पूर्व में लग चुका है। जिसके बाद उसके पिता ने नौकरी से वीआरएस के माध्यम से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। आरोपी ने बताया कि वह विगत तीन माह से इन्दौर में ही तुषार नाम बताकर रह रहा था। इसी नाम का उपयोग कर वह स्वयं की पहचान छुपाकर, जोमेटो फूड डिलीवरी कंपनी में फूड डिलीवरी बॉय की नौकरी कर जीवन यापन कर रहा था।
आरोपी अंकित घाटे के संबंध में सूचना मिलने पर क्राईम ब्रांच इंदौर द्वारा 10 हजार रुपये के उद्घोषित ईनामी आरोपी को पकड़कर अग्रिम कार्यवाही हेतु थाना नौगाँव जिला धार पुलिस के सुपुर्द किया गया है।

संपादक

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