देवास। देवास के उज्जैन रोड बीमा चौराहे पर खुले एक दफ्तर में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम ने फिलहाल दफ्तर बंद करवाया और दस्तावेज अपने कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू की है। सिविल लाइन थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।
आपको बता दें कि सिविल लाइन थाना क्षेत्र के बीमा चौराहे पर एक दुकान में बाकायदा दफ्तर खोला गया। जहां कृतिका एजुकेशन वेलफेयर शिक्षण संस्थान के नाम से निशुल्क बेरोजगार मेले का बैनर लगाकर वहां तमाम बेरोजगार बुलाए गए। इन्हें सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपए की ठगी किए जाने की बात सामने आ रही है। सरकारी नौकरी दिलाने के नाम का यह गोरख धंधा पिछले 6-7 महीने से चल रहा है। शनिवार को बागली के एक शिकायतकर्ता ने अपने पैसों को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया।

मामला देवास कलेक्टर ऋषभ गुप्ता के संज्ञान में आने के बाद प्रशासन और जिला रोजगार कार्यालय की टीम सिविल लाइन पुलिस के साथ मौके पर पहुंची और मामले की पड़ताल की तो मामला फर्जी पाया गया। मामले में शिकायतकर्ता बागली निवासी रंजीत पवार का आरोप है कि उसे ₹50000 ब्लॉक ऑफिसर की नौकरी लगने के नाम पर ले लिए गए। उसे फर्जी तरीके से ट्रेनिंग भी कराई गई लेकिन 6 माह बीतने के बाद भी उसे नौकरी नहीं मिली। यह तो एक बानगी है, जिसमे शिकायत कर्ता सामने आया है। अगर मामले की बारीकी से जांच की जाए तो मामला लाखों का सामने आ सकता है। फरियादी रंजीत पवार जब सिविल लाइन थाने मामले की रिपोर्ट दर्ज करने पहुंचा तो पुलिस ने भी महज आवेदन लिखवा लिया है, और मामले की पड़ताल शुरू कर दी है।
बताया जा रहा है की संदीप चौहान नामक व्यक्ति यह दफ्तर चला रहा है, जहां बाकायदा 5-7 महिला और पुरुष कर्मचारी का स्टाफ रखा गया है। यहां बेरोजगारों से शुरुआती दौर में तो 1500 रुपए से लेकर 1700 रुपए तक फार्म और फाइल चार्ज के रूप में लिए जा रहे हैं। जब बेरोजगार इनके चक्कर में फंस जाता है तो फिर उससे मोटी रकम सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ले ली जाती है।
यहां देवास जिले के अलावा शाजापुर जिले से भी कुछ युवा सरकारी नौकरी की लालसा लेकर आए हुए थे। जिला रोजगार कार्यालय के एस यू कुरैशी खुद कहते हैं की इतनी वैकेंसी आखिर है ही कहां?