यह विचार दक्षिण कज़ाख़िस्तान मेडिकल अकादमी से संबद्ध परम एजुकेशन संस्थान द्वारा अपने १६ वर्ष में प्रवेश के सुअवसर पर विद्यार्थियों द्वारा सफल चिकित्सा कोर्स पूर्ण करने पर सम्मान समारोह और नये विद्यार्थियों और अभिभावकों के लिए आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम में संस्कृति मंत्रालय सदस्य – डॉ. भरत शर्मा ने रखे। आपने चिकित्सा सेवा को परमधर्म बताते हुए कहा कि निर्लिप्त और निष्काम भाव से किए जाने वाला यह विषय सामाजिक सेवा का बेहतरीन प्रकल्प है ।

आपने संस्थान की बधाई देते हुए कहा कि आज छात्र और उनके अभिभावक उच्चस्तरीय शिक्षण और गुणवत्ता से परिपूर्ण शिक्षण के लिए ऐसे शैक्षणिक संस्थान का चयन करते है। आपने संस्थान में कज़ाख़िस्तान से पधारी दक्षिण कज़ाख़िस्तान मेडिकल अकादमी की मुख्य रजिस्ट्रार सुश्री कन्निसोवा फ़रीदा और संस्थान के भारत मुख्य समन्वयक श्री अमित वत्स का माँ अहिल्या की नगरी और देश के सबसे स्वस्थ, स्वच्छ शहर इंदौर में स्वागत करते हुए अपने नये प्रवेश सत्र पर बधाई दी।
कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती पूजन से की गई तथा डॉ भरत शर्मा का स्वागत शॉल व पुष्पगुच्छ से परम संस्थान के निदेशक श्री दिलीप त्रिवेदी और गौरव शर्मा ने किया।
संस्थान के भारत मुख्य समन्वयक श्री अमित वत्स ने छात्रों को बधाई दी और आश्वस्त किया कि भारत और कज़ाख़िस्तान में किसी भी प्रकार की समस्या के निदान और जानकारी हेतु वह सदैव उपस्थित रहेंगे।
दक्षिण कज़ाख़िस्तान मेडिकल अकादमी की मुख्य रजिस्ट्रार सुश्री कन्निसोवा फ़रीदा ने इंदौर आने पर ख़ुशी व्यक्त की और अधिक से अधिक भारतीय चिकित्सा के क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्रों को कम फ़ीस और बेहतरीन शिक्षा देने का संकल्प लिया।
संस्था के इस आयोजन में इंदौर कोचिंग एसोसिएशन के श्री गुप्ता, श्री आनंद यादव, संस्था के राहुल त्रिपाठी, अन्य शिक्षक, पूर्व व नवीन छात्र-छात्राओ और उनके अभिभावक मौजूद रहे ।