पूर्व मंत्री बोले भाजपा सरकार की दोहरी व दमनकारी नीति से अन्नदाता बेहाल

सोनकच्छ (संदीप गुप्ता)। वैश्विक महामारी के चलते देश लॉकडाउन मोड पर है। जिसके चलते कई जगह सब्जी मंडीया बंद है। इधर क्षेत्र में अनाज मंडियों में सौदा पत्रक की खरीदी के चलते किसान अपनी उपज को उचित मूल्य पर भी नहीं विक्रय कर पा रहा है। लंबी अवधि के लॉक डाउन के बाद अब दिनों दिन किसानों की चिंता बढ़ने लगी है।ऐसी स्थिति में संकट के वक्त जो चीज सबसे बड़ी संपदा साबित हो सकती है। उसे लॉकडाउन की रणनीति लंबे समय के लिए गले की फांस बना सकती है। वहीं इन गंभीर समस्याओं से निजात दिलाने वाले सत्ता पक्ष के बाहुबली जनप्रतिनिधि अब अन्नदाताओं को समस्याओं से निजात दिलाने की जगह आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेलने में लगे है।
अन्नदाताओंं की प्रमुख समस्याओं पर एक नजर –
वर्तमान में 15 सोसाइटी के पंजीकृत कृषक नगर से 45 किलोमीटर दूर आनंद एग्रो साइलो देवास में अपनी उपज को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए तपती धूप में बिना भोजन पानी की व्यवस्था के अपना नंबर आने के इंतजार में तीन-चार दिनों से बेहाल पड़े हैं। किसान हितेषी होने का ढिंडोरा पीटने वाले किसी भी जनप्रतिनिधि ने अभी तक इन किसानों की कोई सुध नहीं ली।
प्याज प्रोत्साहन योजना से हताहत किसान –
विगत वर्ष 2019 में अप्रैल से जून माह में प्याज की कीमतों में आई गिरावट के कारण मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्याज उत्पादक किसानों की फसल को भावांतर भुगतान योजना में सम्मिलित कर किसानों का पंजीयन किया गया था। एवं प्याज उत्पादक किसानों के सरकारी खरीदी पर प्याज विक्रय हेतु शासन द्वारा पंजीयन करवाया गया था। जिसे मुख्यमंत्री प्याज कृषक प्रोत्साहन योजना नाम दिया गया था एवं वर्ष 2019- 20 के लिए रबी प्याज की फसल के लिए मॉडल विक्रय दर 800 रू प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था। शासन द्वारा अधिकृत मंडी केंद्रों पर प्याज पंजीकृत किसानों द्वारा प्याज की सरकारी खरीदी का काम शुरू करवाया गया था। उस सीजन में किसानों के प्याज के भाव कम होने के कारण व्यापारियों द्वारा प्याज 200 से 300 रू प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा गया था। प्याज पंजीकृत किसानों के प्याज की फसल का विक्रय शासन द्वारा निर्धारित मॉडल रेट 800 रू प्रति क्विंटल से कम होने पर विक्रय प्याज की फसल के अंतर की राशि किसानों को भावंतर के रूप में उद्यानिकी विभाग के माध्यम से उनके बैंक खातों में अंतरित की जाना थी। किंतु मुख्यमंत्री प्याज प्रोत्साहन योजना अंतर्गत प्याज बेच चुके किसान 1 वर्ष से राशि की बाट जोह रहे हैं एवं संबंधित विभाग के चक्कर लगा रहे हैं।
लगभग 700 किसानों को ही मिली भावंतर की राशि –
इसी बीच फरवरी 2020 में राज्य शासन द्वारा प्याज भावंतर भुगतान बोनस की राशि के रूप में उद्यानिकी विभाग जिला देवास की मांग के अनुरूप 35 करोड़ में से सिर्फ 3 करोड़ 59 लाख की ही राशि आवंटित की गई। जिसमें कि देवास जिले में सरकारी खरीदी के दौरान प्याज बेच चुके 5855 किसानों में से सिर्फ 700 किसानों को ही भावंतर बोनस राशि मिल पाई है। शेष देवास जिले के करीब 5000 किसान राशि के इंतजार में संबंधित विभाग से व शासन से आस लगाए बैठे है। उन्हें अब तक राशि का आवंटन नहीं हो पाया है।
लगभग 32 करोड़ का आवंटन रुका –
देवास जिले का करीब 32 करोड का आवंटन रुका हुआ है। किसानों के द्वारा राशि के लिए इस संबंध में पूर्व में ज्ञापन भी दिए गए थे। जिला प्रशासन द्वारा बताया गया था कि बीसीओ लिमिट कम होने की वजह से आवंटन पूरा नहीं पाया। वही बाद में सॉफ्टवेयर की लिंक नहीं खुलने की समस्या भी बताई गई थी। शासन द्वारा उद्यानिकी विभाग में आवंटन के अभाव में देवास जिले के शेष किसानों को प्याज की भावंतर राशि नहीं मिलने से किसान काफी मायूस नजर आ रहे हैं एवं संबंधित विभाग द्वारा भी राशि कब तक जारी होगी इस संबंध में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा की राशि से वंचित किसान –
2018 मार्च में कृषकों के ऋण खातों से फसल बीमा की राशि काटी गई थी। वहीं इसी वर्ष नवंबर दिसंबर में मौसम की मार के चलते क्षेत्र के कृषकों की खरीफ की फसल नष्ट हो गई थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र के हरनावदा, कराडिया, लालाखेड़ी, अगेरा, छायन, चंदाखेड़ी, मुंडलाना आदि गांव के किसान अभी तक प्रधानमंत्री फसल बीमा राशि से वंचित है। वही दुदलाई, चौबारा, भागसरा के किसानों को फसल बीमा प्राप्त हो चुका है। शासन प्रशासन की इस दोहरी कार्यप्रणाली से क्षेत्र के कई किसान हताहत है।
सांसद बोले किसी किसान के साथ अन्याय नहीं होगा –
नगर के लॉकडाउन मोड पर श्री मारुति नंदन रामायण मंडल द्वारा क्षेत्र में भोजन पैकेट वितरण कर सेवा कार्य किया जा रहा है। इसी का जायजा लेने क्षेत्र के सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी शनिवार को भोजनशाला पर पहुंचे। जहां उन्होंने आत्मनिर्भर भारत हेतु सरकार द्वारा जारी किए गए 20 लाख करोड़ के पैकेज पर मध्यमवर्गीय को राहत दिए जाने की बात पर मीडिया से कहा कि नरेंद्र मोदी जी एक दूरदर्शी नेता है उन्होंने जो पैकेज दिया है। उसमें सभी वर्गों की ओर पुरा – पुरा ध्यान दिया है। किसी भी वर्ग की उपेक्षा नहीं होगी सभी का कल्याण होगा। साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा राशि के सवाल पर सांसद ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि यह जो भी गड़बड़ हुई है कमलनाथ सरकार में जो सर्वे हुआ था उस कारण हुई है। इन सारी गड़बड़ियों को शिवराज सरकार ठीक करेगी किसी भी किसान के साथ अन्याय नहीं होगा।
पूर्व मंत्री व विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा –
इधर इस पूरे मामले पर पूर्व मंत्री एवं क्षेत्र से विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत फसल बीमा राशि के लिए प्रीमियम राशि केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा किसान मिलकर देते हैं । फसल का बीमा करते समय किसानों से बीमा राशि ले ली जाती है लेकिन भाजपा सरकार द्वारा 2017-18, 2018-19 वर्ष की फसल बीमा का प्रीमियम समय पर नहीं देने से किसानों को फसल नुकसानी के बाद भी लम्बे समय तक भुगतान का इन्तजार करना पड़ा । वहीं प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद हमने स्थितियों में सुधार करते हुये 509 करोड़ रू की बीमा राशि अन्नदाताओं को प्रदान की है। लेकिन लोकतंत्र की हत्या कर सत्ता में आई भाजपा सरकार की दोहरी एवं दमनकारी नीतियों से आज फिर प्रदेश के अन्नदाता बेहाल हैं।