दिल्ली की तर्ज पर खुल रहे मोहल्ला क्लीनिक, नाम दिया संजीवनी..

स्वास्थ सेवाओं के लिए कमलनाथ सरकार का बड़ा कदम…

इंदौर। दिल्ली की तर्ज पर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार भी मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत आज करने जा रही है। हालांकि यहां इसे संजीवनी क्लीनिक का नाम दिया गया है। इसकी शुरुआत आज 7 दिसंबर को इंदौर में मुख्यमंत्री कमलनाथ और भोपाल में प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति व जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा करेंगे।

Rai Singh Sendhav

कमलनाथ आज इंदौर में-

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ 7 दिसम्बर को शाम 6.30 बजे इंदौर के निपारिया में संजीवनी क्लीनिक का शुभारंभ करेंगे। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह और महापौर श्रीमती मालिनी गौड़ समारोह में शामिल होंगे।

दिल्ली की तर्ज

पहले चरण में 88 क्लीनिक-

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं के विस्तार के लिये राज्य सरकार द्वारा संजीवनी क्लीनिक आरंभ किये जा रहे हैं। ये क्लीनिक मुख्यत: स्वास्थ्य संस्थाओं से दूर स्थित घनी बस्तियों और मलिन बस्तियों में रहने वाले नागरिकों को आसानी से स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने के उद्देश्य से खोले जा रहे हैं। पहले चरण में इंदौर में 29, भोपाल में 28, जबलपुर में 10, ग्वालियर तथा उज्जैन में 6-6, सागर में 5 तथा रीवा में 4 संजीवनी क्लीनिक आरंभ किये जाएंगे।

बेहतर स्टाफ की तैयारी-

आपको बता दें संजीवनी क्लीनिक में डॉक्टर और स्टॉफ की तैनाती के लिए एनआरएचएम की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अभी संजीविनी क्लीनिक सिर्फ महानगरों में खोली जानी हैं। इसके लिए डॉक्टर्स को 60 हजार रुपए वेतन के साथ प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। संजीवनी क्लीनिक के लिए डॉक्टर्स की भर्ती संविदा से की गई है। बता दें कि राजधानी के 85 वार्डों में ये क्लीनिक खोलने का सरकार का टारगेट है।

निशुल्क जांच और उपचार-

क्लीनिक का समय सुबह 10 से शाम 6 बजे तक होगा। इसके साथ ही मरीजों को ओपीडी की सुविधा भी मिल सकेगी। डॉक्टर की ओर से लिखी दवाएं मरीजों को क्लीनिक से ही नि:शुल्क दी जाएंगी। हीमोग्लोबिन, मलेरिया, टायफाइड, प्रेग्नेंसी समेत आठ जांचें भी क्लीनिक में ही रैपिड किट से हो जाएंगी।

जनता के लिए वरदान-

सरकार का स्वास्थ्य अधिकार देने के लिए संजीवनी क्लीनिक का शुरू करना जनता के लिए वरदान से कम नहीं होगा। सरकार ने इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए दो विभागों की मदद ली है। जबकि सरकार का राज्य में 268 संजीवनी क्लीनिक खोलने का टारगेट है।

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