उपेक्षित शिक्षा व्यवस्था और भटकते सास्कृतिक परिवेश में शिक्षक के दायित्व बढ गये हैं ••••••पी डी पुरोहित

सोमेश उपाध्याय

Rai Singh Sendhav

बागली।वर्तमान समय में जवाबदारो की उपेक्षित शिक्षा व्यवस्था और भटकते सास्कृतिक परिवेश में समाज को सही दिशा बताने के लिए शिक्षक के दायित्व पहले से और ज्यादा बढ गये हैं। \’ उक्त विचार शिक्षाविद् प्रभुदयाल पुरोहित ने शासकीय कन्या हाई स्कूल संकुल बागली के अंतर्गत प्रा वि खामखेडी के वरिष्ठ शिक्षक हबीब पठान के 31अक्टूबर सेवानिवृत्ति दिवस पर संकुल स्तरीय सेवानिवृत्ति विदाई समारोह समिति द्वारा आयोजित समारोह मे बतौर मुख्य वक्ता कही।
समारोह सेवानिवृत्त वरिष्ठ शिक्षक बृजमोहन व्यास,शंकरलाल टोडर,तेरसिह देवड़ा,राधे श्याम वर्मा,रायसिह जामले व बी आर सी अर्जुन मालवीय के आतिथ्य में संकुल परिसर में आयोजित किया गया।
अतिथियों का स्वागत प्राचार्य वासुदेव जोशी,बंशीधर सिसोदिया,जगदीश राठोर,श्रीमती दाखा कारपेटर,श्रीमती कीर्ति पंचौली,राकेश नागौरी,मनोहर मानधन्या,मूलचंद परमार,विक्रम परमार,लता वर्मा,महेश गोस्वामी,शीला चावडा,देवेन्द्र बैस आदि ने पुष्प माला से स्वागत किया तथा श्री पठान के साथ व्यतीत समय के अपने अनुभव मंच के माध्यम से सांझा किये।
समिति के द्वारा श्री तेरसिह देवड़ा और श्री रायसिह जामले का भी श्री पठान के साथ शाल-श्री फल व उपहार भेटकर आत्मीय अभिनंदन किया।
संचालन वारिस अली ने किया तथा आभार संकुल प्राचार्य श्री जोशी ने माना। श्री पठान को संकुल से निज निवास तक जुलुस के रूप में नगर के मुख्य मार्गों से भ्रमण कराते हुए शिक्षक साथियों ने ढोल और आतिशबाजी के साथ छोड़ा।
श्री पठान का नगर के प्रबुद्धजन प्रवीण चौधरी ,सुर्य प्रकाश गुप्ता आदि ने भी पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया।
श्री पठान ने भाव विभोर होकर सभी का ह्रदय से आभार माना और शिक्षक समाज के साथ देश व समाज के लिए सदैव समर्पित रहने का संकल्प लिया।

संपादक

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