यमुनानगर की बहुचर्चित अवैध बिल्डिंग पर चला निगम का बुलडोजर

करीब आधा दर्जन जेसीबी और पोकलेन मशीन के साथ पहुंचा निगम का अमला…

नगरनिगम के कार्यपालन यंत्री भी मौके पर मौजूद…

भारी पुलिस बल तैनात किया गया चारों तरफ से रोके रास्ते…

देवास। देवास के यमुना नगर में अवैध रूप से बनाई जा रही बिल्डिंग का मामला पिछले कुछ हफ्तों से काफी सुर्खियों में रहा। इस अवैध इमारत के निर्माण को लेकर नगर निगम परिषद की बैठक में मामला गरमाया था। उसके बाद मीडिया की सुर्खियों में मामला लंबे समय तक बना रहा। आज नगरनिगम का अमला करीब आधा दर्जन जेसीबी व पोकलेन मशीन के अलावा फायर ब्रिगेड और कई ट्रैक्टरों के साथ यमुनानगर पहुंचा। भारी पुलिस बल भी बुलाया गया था। रास्ते को चारो तरफ से बंद कर उक्त बिल्डिंग के अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्यवाही शुरू हुई और देखते ही देखते बिल्डिंग के चारों तरफ का अवैध निर्माण धराशाई कर दिया गया।

Rai Singh Sendhav

आपको बता दें यमुनानगर की इस अवैध इमारत के तोड़े जाने के संकेत तो उसी दिन मिल गए थे जब नगर निगम आयुक्त नरेंद्र सूर्यवंशी ने यहां का दौरा किया था। हैरत की बात तो यह रही कि निगम कमिश्नर के मना करने के बाद भी बिल्डर में निर्माण कार्य जारी रखा। करीब महीने भर तक नोटिसों की प्रक्रिया चलती रही।

नगरनिगम के कार्यपालन यंत्री कैलाश चौधरी के मुताबिक इस इमारत के निर्माण के लिए 576 स्क्वायर मीटर ऑफिशियल निर्माण की परमिशन ली गई थी किंतु बिल्डिंग मलिक ने परमिशन के विपरीत 1310 वर्ग मीटर पर कमर्शियल निर्माण कर लिया था इसमें ना तो पार्किंग के लिए बेसमेंट छोड़ा गया था और ना ही चारों तरफ एमओएस।

नगरनिगम के कार्यपालन यंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि इस निर्माणाधीन बिल्डिंग के मालिकों में मनमीत सिंह सलूजा, प्रमोद गुप्ता और दो अन्य पाटनर है। जिन्हें अवैध निर्माण हटाने का निगम द्वारा कहा गया था किंतु जब निर्धारित अवधि में उन्होंने निर्माण नहीं हटाया तो आज नगर निगम के अमले ने उक्त अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई की।
निगम के अधिकारियों के मुताबिक उक्त अवैध निर्माण तोड़े जाने का जो भी खर्च होगा वह पैनल्टी सहित बिल्डिंग मालिकों से वसूल किया जाएगा।

संपादक

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