मनुष्य भगवान के दिए को अपना मान कर घमंड कर रहा है- स्वामीजी

कन्नौद (कमल गर्ग \”राही\”)। भगवान ने मानव को जो दिया वह स्वयं उसे अपना मान रहा है , और अर्थ (रूपयो) के पीछे लगातार दौड रहा है।

Rai Singh Sendhav

साई मन्दिर स्थित अयोध्या धाम पर चल रहे श्री राम कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव के 7 वे दिन व्यास गादी से स्वामी सन्त श्री अमृतराम जी महाराज ने कहा की इसी अर्थ के कारण अयोध्या मे अनर्थ हो गया था। जहां राजा दशरथ की मृत्यु हुई, वही श्री राम को वनवास मिला। उन्होंने कहा कि मनुष्य को किसी भी कार्य को करने के पहले अच्छे से विचार करना चाहिए। कहावत है न बिना विचारे जो करे ,सो पाछे पछताय, कथा का लाभ बडी सख्या मे श्रद्धालु ले रहे है ।

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