मप्र का पहला ऐसा न्यायालय, जहाँ पक्षकारों को मिलेगा निःशुल्क भोजन

उज्जैन 18 अगस्त। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रयासों से एवं स्वर्णिम भारत मंच के सहयोग से न्यायालय में आने वाले जरूरतमंद व गरीब पक्षकारों के लिए निःशुल्क भोजन की व्यवस्था की जा रही है, जिसका उद्घाटन गुरुवार को न्यायालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री आरके वाणी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भूखे व्यक्ति को भोजन कराना महान पुण्य का कार्य है। न्यायालय में दिन-प्रतिदिन सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीण क्षेत्र के दूर-दराज इलाकों से पक्षकारगण आते हैं, जिनमें से कई पक्षकारों के पास भोजन की व्यवस्था नहीं रहती है। इसी को देखते हुए विधिक सेवा प्राधिकरण उज्जैन के प्रयासों से इस पुनीत कार्य को किया गया है।
उन्होंने स्वर्णिम भारत मंच के अध्यक्ष श्री दिनेश श्रीवास्तव का स्वागत करते हुए इस कार्य में सहयोग देने के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया।
प्राधिकरण के सचिव न्यायाधीश अरविंद जैन के द्वारा बताया गया कि पक्षकारगण न्यायालय के मुख्य प्रवेश द्वार के पास ‘अन्न एक्सप्रेस’ से प्रतिदिन दोपहर 2 से 2:30 बजे तक भोजन प्राप्त कर सकते हैं। जो भी पक्षकार भोजन के कूपन प्राप्त करना चाहते हैं, वे संबंधित न्यायालय के लिपिक या अपने अधिवक्ता से पर्ची लेकर कूपन प्राप्त कर सकते हैं। भोजन के कूपन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय से प्रतिदिन दोपहर 1:30 बजे तक ही प्राप्त किये जा सकते हैं।
उज्जैन जिला न्यायालय संभवत मध्य प्रदेश का पहला ऐसा न्यायालय होगा, जहाँ पर प्राधिकरण के प्रयासों से पक्षकारों को नि:शुल्क भोजन वितरित किया जाएगा।
आज के दिन करीब 50 पक्षकारों को पुड़ी-सब्जी एवं मिठाई वितरित की गई। कार्यक्रम को लेकर अधिवक्तागण एवं पक्षकारों में जबरदस्त उत्साह था।
स्वर्णिम भारत मंच के अध्यक्ष श्री दिनेश श्रीवास्तव द्वारा न्यायालयीन दिवसों में इसे सुचारू रूप से चलाने का आश्वासन दिया गया।

Rai Singh Sendhav

संपादक

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