देवास। शहर के कोविड सेंटर अमलतास अस्पताल में बुधवार को एक कोरोना संदिग्ध मरीज की संदिग्ध अवस्था मे मौत हो गई। मृतक सुभाष जोशी BNP से रिटायर्ड थे। मौत की खबर लगते ही परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। बताया गया है कि उनकी मौत तीसरी मंजिल से नीचे गिरने से हुई है। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर विवेचना शुरू की है। हालांकि मौत किन परिस्थितियों में हुई इसका खुलासा नहीं हो सका है। इधर कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला ने भी मामले की जांच करने के लिए SDM को नियुक्त किया है। पोस्टमार्टम करने वाली चिकित्सकों की पैनल के मुताबिक उनके सिर में गंभीर चोट पाई गई, पसलियां भी टूटी थी, शरीर मे और भी चोंटे आई हैं।

राधागंज में रहनेवाले सुभाष जोशी पिता शंकरलाल जोशी उम्र 65 वर्ष को मंगलवार को कोरोना के लक्षण दिखने पर अमलतास अस्पताल में भर्ती किया गया था। वे अस्पताल की तीसरी मंज़िल के प्राइवेट वार्ड में भर्ती थे। बुधवार की सुबह उस समय अमलतास अस्पताल में हड़कंप मच गया जब वे प्राइवेट रूम से नदारद मिले। उनकी तलाश की गई। बताया जा रहा है कि नीचे एक गली में उनका शव पड़ा मिला। जिसे अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा अस्पताल में ले जाया गया, जहां परीक्षण उपरांत उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। जब उनकी मौत की खबर परिजनों को लगी तो अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ।
मृतक के भाई अशोक जोशी ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल प्रबंधन से बार बार बात करने के बाद भी उनके द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। पहले कहा गया कि वे आईसीयू में है, फिर कह दिया गया कि उनकी मौत हो गई।
मृतक सुभाष जोशी के बेटे वैभव जोशी का कहना है कि सुबह जब वे अस्पताल पहुंचे तो कहा गया कि आपके पिताजी नही रहे। उनका शव नीचे ग्राउंड फ्लोर पर पड़ा मिला। कोई यह बताने को तैयार नहीं था कि उनकी मौत कैसे हुई? वो घंटों परेशान होते रहे।
इधर आज आई उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव बताई गई है। मौत के बाद शव का जिला अस्पताल में तीन डॉक्टरों की पैनल ने पोस्टमार्टम किया। डॉक्टरों की पैनल में डॉ. शैलेन्द्र ओरिया, डॉ. जगदीश नागर और डॉ. मोहसिन नागोरी शामिल थे। जिनके मुताबिक सुभाष जोशी के सिर पर गंभीर चोंट पाई गई। प्रथमदृष्टया मौत का कारण हेडइंजुरी बताया गया है। इसके अलावा उनकी पसली टूटी पाई गई और भी अंदरूनी चोंटे पाई गई हैं। विशेष परीक्षण के लिए विसरा भी भेजा जा रहा है।
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी…
इस मामले में एडिशनल एसपी जगदीश डाबर का कहना है अमलतास अस्पताल में सुभाष जोशी कोरोना संदिग्ध मरीज के रूप में भर्ती थे। हालांकि उनकी रिपोर्ट आज नेगेटिव आई है। श्री जोशी अस्पताल के प्राइवेट रूप में भर्ती थे उनकी डेड बॉडी आज अस्पताल परिसर में मिली है। हमने मर्ग कायम कर पीएम कराया है। जिसमें उन्हें अंदरूनी चोटें आई हैं, सिर में भी चोट आई है जिसके कारण उनकी मृत्यु हुई है। अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि वह किस तरह से गिरे हैं? क्या हुआ है? मामले को संदिग्ध मानकर जांच कर रहे हैं। श्री जोशी जिस रूम में भर्ती थे वहां से एक हैंड डायरी मिली है हालांकि उसे सुसाइड नोट नहीं कह सकते, किंतु उसमें कोरोना से रिलेटेड बातें लिखी हैं, वह देखने से बीमारी के कारण जो निराशा व्यक्ति के मन में उत्पन्न होती है, वह जाहिर होता है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश, SDM करेंगे जांच
कलेक्टर चन्द्रमौली शुक्ला ने अमलतास अस्पताल मे हुई घटना की जांच के लिए एसडीएम प्रदीप सोनी को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमपी शर्मा ने बताया कि अमलतास अस्पताल प्रबंधक द्वारा सूचित किया गया कि सुभाष जोशी पिता शंकरलाल जोशी उम्र 65 वर्ष निवासी 7 राधागंज माल रोड देवास जो कि डायबटिज, हृदय रोग, ब्लड प्रेसर के पुराने रोगी थे, सांस लेने मे तकलीफ होने पर 6 अक्टुबर 2020 को अमलतास अस्पताल के प्रायवेट वार्ड में भर्ती हुए। इनका यहा उपचार किया गया उपचार के दौरान इनकी कोविड-19 की जांच कि गई, जांच रिपार्ट नेगेटिव आई तथा मृत्यु की सूचना दी गई।
सीएमएचओ डॉ. शर्मा ने बताया कि 07 अक्टूबर 2020 श्री सुभाष जोशी की मृत्यू की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की दो सदस्य टीम अमलतास अस्पताल भेजी गयी टीम द्वारा बताया गया कि इनका इलाज अमलतास अस्पताल मे चल रहा था, आक्सीजन प्लांट के पास मृत पाये गये पुलिस को सूचना दी गई इनका पोस्टमार्टम कराया गया। पुलिस जांच कर रही है, जांच उपरांत ही मृत्यु के कारण का पता चलेगा।