तहसीलदार पूनम तोमर पहुंची बीएनपी थाने और दर्ज कराई रिपोर्ट
देवास। उज्जैन रोड पर स्थित ग्राम खजुरिया जागीर में आनंद फार्म नामक अवैध कालोनी कि कॉलोनाइजर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। ये भोले-भाले लोगों को भूखंड बेचकर उनके साथ छलावा कर रहे थे। हालांकि इस मामले में लंबे समय बाद कालोनाइजर सोहन नांदेल के खिलाफ बीएनपी थाना पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। इससे पहले गत 13 जून को तहसीलदार (शहर) पूनम तोमर ने एफआईआर दर्ज करने हेतु कोतवाली थाने पर दिया था, जिसे कोतवाली पुलिस ने बीएनपी थाने पर भेजने की बात कही थी, किंतु 27 दिन बाद भी यह आवेदन बीएनपी थाने नहीं पहुंचा, तब तहसीलदार को स्वयं थाने जाना पड़ा और शुक्रवार को पुलिस ने धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। उल्लेखनीय है कि इंदौरी कालोनाइजर सोहन नांदेल ने ग्राम खजुरिया जागीर में मंडी व्यापारी दिलीप अग्रवाल की पत्नी अनीता अग्रवाल व पुत्र अंकित अग्रवाल से गत 31 जनवरी 2019 को मात्र 2 बीघा कृषि भूमि खरीदकर उसकी रजिस्ट्री भी करवा ली थी, किंतु नांदेल ने जमीन मालिक से मिलकर वर्ष 2018 से ही पूरे 22 बीघा जमीन पर भूखण्ड बेचना प्रारंभ कर दिये थे। नांदेल ने आनंद फार्म नामक कालोनी में भूखण्ड बेचने के लिए राजोले मार्केट में एक ऑफिस में खोला था, जिसमें युवक-युवतियां बैठकर भोले-भाले लोगों को सब्जबाग दिखाते थे और उनके खून-पसीने की कमाई इस अवैध कालोनी में लगवाते थे। इस तरह कालोनाइजर व उसके एजेंटों ने 200 से अधिक लोगों को अपने जाल में फंसाया और सिर्फ अनुबंध पर भूखण्ड बेच दिये और रजिस्ट्री करने में आना-कानी की जाने लगी। तब पीडि़तों ने इस मामले से अधिवक्ता मनोज वर्मा को अवगत कराया और वकील वर्मा ने सूचना के अधिकार के तहत कलेक्टर कार्यालय से जानकारी मांगी, जिसमें पता चला कि सोहन नांदेल ने न तो कालोनी का रजिस्ट्रेशन कराया और ना ही कालोनी विकसित करने के लिए अन्य औपचारिकताएं पूरी की। इसके बाद तत्कालीन कलेक्टर डॉ. श्रीकांत पांडेय को शिकायत की गई। जिस पर कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिये। तहसीलदार पूनम तोमर व नायब तहसीलदार प्रवीण पाटीदार द्वारा की गई जांच में शिकायत सही पाए जाने के बाद जांच प्रतिवेदन पेश किया गया, जिसमें सोहन नांदेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा की गई। इसी जांच प्रतिवेदन के आधार पर गुरुवार को बीएनपी थाना पुलिस ने कालोनाइजर के खिलाफ धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जमीन मालिक को दी राहत
उधर इस संबंध में शिकायतकर्ता अधिवक्ता मनोज वर्मा का कहना है कि लंबे समय बाद कालोनाइजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, इसके लिए प्रशासन का आभार व्यक्त करता हूं, किंतु भूमि मालिकों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की गई है, यह जांच का विषय है। चूंकि कालोनाइजर सोहन नांदेल ने पूरे 22 बीघा जमीन पर भूखण्ड बेचे और इस बात की जानकारी जमीन मालिक अनीता अग्रवाल व अंकित अग्रवाल को नहीं हुई, ऐसा संभव नहीं है। इससे प्रतीत होता है कि इस खेल में जमीन मालिक की भी लिप्तता है, इसीलिए पुलिस को विस्तृत जांच कर शेष लोगों पर भी एफआईआर करना चाहिए।

क्या बोली तहसीलदार :
इस पूरे मामले को लेकर तहसीलदार शहर पूनम तोमर ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद मेरे द्वारा 13 जून को कालोनाइजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए एक आवेदन कोतवाली में दिया गया था, किंतु वह आवेदन बीएनपी थाने नहीं पहुंचा और गुम हो गया, इसीलिए गुरुवार को मुझे स्वयं थाने जाना पड़ा और कालोनाइजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। जहां तक जमीन मालिक का सवाल है तो मुझे वरिष्ठ अधिकारियों ने जो जांच का जिम्मा सौंपा था, वह मैंने की है। अब विस्तृत जांच पुलिस करेगी।
जांच में जिनके नाम सामने आएंगे, उन पर कार्यवाही होगी : एसपी
इस मामले में पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल सिंह का कहना है कि एक कालोनाइजर द्वारा बगैर अनुमति, फर्जी फर्म बनाकर भूखंड बेचे गए थे। तहसीलदार के आवेदन पर बीएनपी थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है। आगे विवेचना जारी है, इस मामले में जो भी नाम सामने आएंगे, उन्हें भी एफआईआर में शामिल किया जाएगा।