साल का तीसरा चंद्र ग्रहण आज 5 जुलाई को लगने जा रहा है लेकिन यह देश में दिखाई नहीं देगा। गुरु पूर्णिमा के दिन ये ग्रहण लगने जा रहा है। इस उपच्छाया चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। ये ग्रहण अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। ज्योतिष अनुसार चंद्र ग्रहण धनु राशि में लगने जा रहा है। इसलिए इस राशि के लोगों को ग्रहण अधिक प्रभावित करेगा। जानिए क्या है चंद्र ग्रहण और यह कैसे लगता है?

चंद्र ग्रहण का समय
ग्रहण की शुरुआत 5 जुलाई की सुबह 08:38 से होगी। इसका परमग्रास 09:59 पर होगा और इसकी समाप्ति 11:21 पर। उपच्छाया चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 02 घण्टे 43 मिनट की होगी। उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने के कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। अगला चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को लगेगा।
कैसे लगता है ग्रहण ?
चंद्र ग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते हैं जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में अवस्थित हों। ये घटना सिर्फ पूर्णिमा के दिन ही घटित होती है।
क्या है उपच्छाया चंद्र ग्रहण?
पेनुमब्रल को उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहते हैं। उपच्छाया चंद्र तब होता है जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया न पड़कर केवल उसकी उपच्छाया मात्र ही पड़ती है। इसमें चंद्रमा पर एक धुंधली सी छाया नजर आती है। अत: चंद्रमा के आकार में कोई अंतर नहीं आता है। कोई भी चन्द्रग्रहण जब भी आरंभ होता है तो ग्रहण से पहले चंद्रमा पृथ्वी की परछाई में प्रवेश करता है जिसे उपच्छाया कहते हैं। इसके बाद चांद पृथ्वी की वास्तविक छाया यानी भूभा (Umbra) में प्रवेश करता है। जब ऐसा होता है तब ही वास्तविक ग्रहण होता है। लेकिन कई बार चंद्रमा धरती की भूभा में जाए बिना ही उसकी उपच्छाया से ही बाहर निकल कर आ जाता है। इसलिए उपच्छाया के समय चंद्रमा का बिंब केवल धुंधला पड़ता है, काला नहीं।