सोनकच्छ (संदीप गुप्ता) । इन दिनों महाराष्ट्र और गुजरात से यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ राज्यो में लोग पलायन करते नजर आ रहे है। इन लोंगो को महाराष्ट्र की सीमा तक कोई भोजन, पानी नाश्ते जैसी व्यवस्था नही है। लाखोंं की संख्या में हजारों वाहनो के माध्यम से अपने घर जा रहे है। रोजगार खत्म हो जाने के कारण ये लोग कमाई हुई पूंजी को लेकर अपने गंतव्य को निकल पड़े। कुछ तो जाने के लिए पर्याप्त धन ना होने से बरसों की मेहनत से एकत्रित किये, अपने सामानों को बेचकर भोजन व ठहरने की व्यवस्था के लिए राशि जुटाकर अपने गंतव्य को निकले।


मध्य प्रदेश के लोग सेवा भावी – प्रवासी मजदूरों के मध्यप्रदेश में आते ही उनकी हर चिंता का निवारण किया गया। लोग कह रहे है कि एमपी में आकर हमेंं भोजन, पानी की कोई समस्या नही आई। अभी तक पूरे एमपी में लोग सेवा करते हुए नजर आए जबकि इसकी जगह महाराष्ट्र में हमको परेशानी भी मिली, पानी पीने गए तो डंडे भी खाए। एमपी के लोग अच्छे है, ये बात कानपुर निवासी सोहनलाल ने कही। सोहनलाल सोनकच्छ बाईपास पर स्थित जन साहस संस्था द्वारा मुफ्त भंडारे में भोजन प्रसादी हेतुु रुके थे।
दूध बिस्किट के साथ जरूरी सामान का वितरण – गौरतलब है कि सोनकच्छ में विगत दिनों से राहगीरों को भोजन करवा रही संस्था जन साहस लोगो मे आगे बढ़ने का भी साहस बना रही है। रोजाना 3 हजार प्रवासीय मजदूरो को भोजन कराने का कार्य क्षेत्र की संस्थाएंं बखूबी रूप से कर रही है। लेकिन जन साहस द्वारा भोजन के पैकेट के साथ छोटे बच्चो के लिए 250 मिली दूध प्रति बच्चा, बिस्कुट के पैकेट, चप्पल, जूते और सफर के दौरान अन्य जरूरी सामान का भी वितरण किया जा रहा है। जो कि एसडीएम अंकिता जैन, तहसीलदार जीएस पटेल के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। भंडारा लगातार जारी रहेगा, साथ ही समय के अनुरूप एवं जरूरतों के हिसाब से जरूरी सामानों की संख्या को बढ़ाया जाएगा। इसके पूर्व भी कलेक्टर श्रीकांत पाण्डे के आदेशानुसार जिले के 10 हजार से अधिक परिवारों को एक एक माह का राशन पहले ही संस्था द्वारा दिया जा चुका है। संस्था में विक्रम बाडोलिया, जयपाल देवड़ा, राजेन्द्र पीपलोदिया, मनोहर कटारिया, जितेंद्र झाला, दिनेश राठौर, धर्मेंद्र परमार, कुलदीप परमार, जितेंद्र चौहान, बुधुराम चौहान, संजय गुनाया, सुभाष सकलेचा, जितेंद्र परमार, देवीलाल चौहान, धर्मेंद्र चोडिया, महेश चौहान, राजेश गुनाया, योगीराज एवं अकील अहमद शामिल है।