सियासी घमासान: अनिल पटेल को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित का प्रशासक बनाया 24 घंटे में हटाया

राजनीतिक रस्साकशी के चलते हटाए गए पटेल
पटेल ने कहा पार्टी में कुछ लोग अपना वर्चस्व कायम रखना चाहते हैं…
पटेल ने पदभार भी कर लिया था ग्रहण…

Rai Singh Sendhav
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देवास। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित के प्रशासक पद को लेकर बड़ा ही रोचक मामला सामने आया है। #देवास के कांग्रेस नेता अनिल पटेल को इस पद पर नियुक्त करने के आदेश जारी होने के महज 24 घंटे बाद ही उन्हें हटा दिया गया। इस समूचे घटनाक्रम को #राजनीतिक रस्साकशी के रूप में देखा जा रहा है। पटेल के समर्थक इस घटनाक्रम से काफी नाराज हैं। एक तरफ प्रदेश में कांग्रेस की #कमलनाथ सरकार #संकट में है वही दूसरी तरफ राजनीतिक गुटबाजी का यह उदाहरण चर्चा का विषय बना हुआ है।

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आपको बता दें प्रदेश में आए सियासी संकट के बाद एक के बाद एक नियुक्तियों का दौर जारी है। रूठे को मनाने और अपनों को जोड़े रखने की कवायद के रूप में देखे जा रहे इन नियुक्तियों के दौर में देवास के अनिल पटेल को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित के संचालन हेतु कलेक्टर के स्थान पर अशासकीय प्रशासक नियुक्त किया गया था। यह नियुक्ति आदेश 17 मार्च को संयुक्त रजिस्ट्रार सहकारी सोसायटी उज्जैन संभाग उज्जैन बीएल मकवाना के हस्ताक्षर से जारी हुए थे। 17 मार्च को ही अनिल पटेल ने संस्था में पहुंचकर पदभार भी ग्रहण कर लिया था। देवास पहुंचने पर तमाम कांग्रेसी नेताओं ने उनका स्वागत भी किया था जिसमें पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह बघेल सहित कई वरिष्ठ कांग्रेसी मौजूद रहे। किंतु यह खुशियां ज्यादा समय टिक नहीं पाई और 18 मार्च को आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक डॉक्टर एनके अग्रवाल के हस्ताक्षर से जारी आदेश के द्वारा श्री पटेल की नियुक्ति के आदेश को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया।
आपको बता दें अनिल पटेल कांग्रेस मैं दिग्विजय सिंह खेमे से हैं और उनके हटाए जाने को लेकर यहां गुटबाजी और राजनीतिक रस्साकशी की चर्चाएं जोरों पर है।
श्री पटेल ने खुद कहा कि कुछ ऐसे लोग जो कांग्रेस को नीचा दिखाना चाहते हैं और कार्यकर्ताओं ने अपना वर्चस्व दिखाना चाहते हैं उन्होंने षड्यंत्र पूर्वक उन्हें हटवाने का काम किया है। यह बड़े शर्म की बात है। उन्होंने कहा राजा साहब (यानी #दिग्विजय सिंह ) अभी प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के चलते व्यस्त हैं वे जब भोपाल लौटेंगे तो प्रतिनिधिमंडल के साथ उनसे और मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर यह बात कर अपना पक्ष रखा जाएगा।

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