प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत जिलास्तरीय मीडिया कार्यशाला हुई

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योजना का लाभ कैसे प्राप्त करें यह विस्तार से बताया….
देवास। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत जिलास्तरीय मीडिया कार्यशाला आज एक निजी होटल में किया गया। कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास अधिकारी रेलम बघेल ने पत्रकारों को मीडिया कार्यशाला के उद्देश्य से अवगत कराया। कार्यशाला में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, भिक्षावृत्ति रोकने, बच्चा गोद लेने और लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण जैसे विषयों पर चर्चा की गई।मीडिया कार्यशाला में मुख्य रूप से ADJ/ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देवास मा. शमरोज़ खान, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी रेलम बघेल, असिस्टेंट डायरेक्टर नवनीत कोरी और प्रेस क्लब अध्यक्ष श्रीकांत उपाध्याय, जिला जनसंपर्क अधिकारी श्रवण सिंह भदोरिया मौजूद थे।

Rai Singh Sendhav

मीडिया कार्यशाला में असिस्टेंट डायरेक्टर नवनीत कोरी ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत पहलीबार गर्भवती होने वाली माताओं को पांच हजार रुपये का नकद लाभ तीन किश्तों में दिया जाता है। इसके लिए पहली बार गर्भवती होने वाली माताओं को आंगनवाड़ी में पंजीयन कराना होता है। पंजीयन के समय 1000/- रुपये, छह माह बाद प्रसव पूर्ण परीक्षण उपरांत दो हजार रुपये और दो हजार रुपये प्रसव उपरांत बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर दिया जाता है। हालांकि इसका लाभ सरकारी और सार्वजनिक उपक्रमों में कार्यरत कर्मचारी को लाभ नही मिलेगा।
इस योजना को लेकर सबसे बड़ी समस्या यह आ रही है कि बैंक खाते आधार लिंक नहीं होंना या संबंधित गर्भवती महिलाओं का पुराना ऐसा कोई अन्य बैंक खाता जो आधार से लिंक हो राशि उसमे चली जाती है। इसलिए यह बात समझने की कोशिश की गई कि ऐसी हितग्राही महिलाएं अपना वही बैंक खाता फॉर्म में दर्ज कराए, जो आधार से लिंक हो। अगर आधार से लिंक कोई पुराना खाता हो जो चलन में न हो तो उसे बंद करा दें। यहाँ यह भी बताना जरूरी होगा कि ऐसे हितग्राही इस बात का ध्यान जरूर रखें कि ज्वाइंट अकॉउंट का नंबर भी फॉर्म में दर्ज नहीं करें…।
कार्यशाला में किशोर न्याय अधिनियम और लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम के बारे में विस्तार से बताते हुए ADJ/ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देवास मा. शमरोज़ खान ने कहा कि बच्चों से कोई अपराध हो जाने के बाद भी उन्हें बाल अपराधी या मुजरिम नहीं कहा जाएगा उनके लिए जो शब्द इस्तेमाल होगा वह है विधि के विरोध में किशोर। बच्चे की आइडेंटिटी गुप्त रखना जरूरी होता है। साथ ही उन्होंने इन अधिनियमों से जुड़ी हर बारीकियों के बारे में विस्तार से बताया।

संपादक

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