पानी के लिए लगती है लम्बी कतारें,कालीसिन्ध का पुनर्जीवन जरूरी
सोमेश उपाध्याय

बागली। चैत्र माह प्रारंभ होते ही बागली क्षेत्र में पेयजल किल्लत शुरू होने लगी है। एक-एक कर जहां हैंडपंपों ने कम पानी देना शुरू कर दिया है। वहीं पानी से भरे रहने वाले जलस्त्रोत भी सूखने लगे हैं। गर्मी के प्रारंभ में ही पानी के लिए संकट उत्पन्न होते देख नागरिक मई-जून में व्याप्त समस्या की कल्पना से ही सिहर जा रहे हैं। वही नगर पंचायत के ज्यादातर वार्डों में अभी से ही लोगों को पानी की एक एक बून्द के लिए तरसना पड़ रहा है।
नगर पंचायत बागली में पेयजल की समस्या निरंतर बनी हुई है। कुल 15 वार्डों में से कुछ ही ऐसे वार्ड होंगे, जिनमें पेयजल एवं निस्तारी के लिए पर्याप्त मात्रा में जल का विस्तार हो पाता है। वर्तमान में नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 01,07,08,09 और वार्ड 13 में स्थिति ज्यादा भयावह है। उक्त वार्ड के वासी प्रतिदिन पानी के लिए लंबी कतार लगाते हैं, फिर भी उन्हें पीने का पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता है। वार्ड 02 के वासियों की मानें तो उनके वार्ड में निर्धारित समय पर नल से पानी आता तो है, लेकिन किसी भी वक्त अचानक से बंद भी हो जाता है । इन सबमें वार्ड की घरेलू महिलाएं सबसे ज्यादा परेशान हैं। उन्हें अपने घरेलू काम से समय निकाल कर पानी के लिए लंबी कतारें लगानी पड़ रही हैं। बावजूद इसके किसी दिन उन्हें बेबस होकर लौटना पड़ता है।वार्ड 7 की पार्षद कविता राजेश तँवर का कहना है कि उनके वार्ड में पुरानी कुंडी है,जिसकी गाद निकाल सफाई कर दी जाए तो तो जल समस्या से काफ़ी हद तक निजात मिल सकती है! वर्ष दर वर्ष नगर के पेयजल समस्या के लिए न तो जनप्रतिनिधि न ही नगर प्रशासन समय से पूर्व कोई योजना बनाकर निराकरण का प्रयास करते हैं। ऐसे में गर्मी क्या विकराल रूप दिखाएगी समय ही बताएगा।
गर्मी में बिते कुछ वर्षो में बागली पेयजल किल्लत झेलता रहा है। अधिकांश हैंडपंपों से कम पानी निकलने से लोगों को काफी मेहनत करना पड़ रहा है। नगरीय क्षेत्रों में अभी से ज्यादा पानी दे रहे हैंडपंपों व ट्यूबवेल की तलाश कर वहां से पानी लेकर लोग अपनी दिनचर्या चला रहे हैं। आदि क्षेत्रों में अभी से ही भू-गर्भ जलस्त्रोत नीचे सरकने लगा है। सोमेश उपाध्याय का कहना है कि समय रहते शासन-प्रशासन को तैयारी मुकम्मल कर लेनी चाहिए। अन्यथा समस्या भीषण रूप अख्तियार कर लेने पर स्थिति भयावह हो सकती है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
बागली क्षेत्र में पानी का स्त्रोत ही नही है।आवश्यकता रही तो पँजापुरा से लाएंगे। समस्या के निवारण का प्रयास सतत जारी है!वार्डो में टैंकर से भी जलापूर्ति की जा रही है!
-मुकेश चौबे
सीएमओ,नगर परिषद बागली
जनपद क्षेत्र की सभी पंचायतो में जल संकट के निवारण के पूरे प्रयास जारी है!जहा स्तिथि गम्भीर है,वहा में स्वयं जा रहा हूँ।
अमित कुमार व्यास
सीईओ,जनपद पंचायत बागली
समय रहते नागरिक सचेत नही हुए तो स्थिति अत्यंर भयावह हो जाएगी।कालीसिन्ध नदी का पुनर्जीवित होना अत्यंत आवश्यक है!अभियान की महत्वता समझ नागरिको को आगे बढ़ना ही होगा।
-आशीष सिसौदिया
सदस्य,कालीसिन्ध पुर्जीवन समिती