
पीड़ित ने जनसुनवाई में लगाई गुहार
देवास। शहर के इटावा क्षेत्र में एक चौंकाने वाला जमीन विवाद सामने आया है, जहां एक व्यक्ति अपने ही सगे भाई की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहा है। पीड़ित शाकिर शेख का आरोप है कि उसका भाई अब्दुल रऊफ कामदार फर्जी शिकायतों और दबाव की राजनीति से उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है।मामला सर्वे नंबर 52/1 (रकबा 0.338 हेक्टेयर) और सर्वे नंबर 53/1 (रकबा 0.353 हेक्टेयर) की ज़मीन से जुड़ा है, जो शाकिर शेख के नाम पर दर्ज है। वर्ष 2011 में शाकिर ने सीमांकन कराकर इस भूमि पर सीमेंट पोल और तारबंदी करवाई थी।
ट्रैक्टर से तोड़े पोल, फिर थाने में दी झूठी शिकायत
हाल ही में अब्दुल रऊफ ने अपनी खरीदी गई भूमि (सर्वे नंबर 46, वर्ष 2024) का सीमांकन कराए बिना जबरन ट्रैक्टर से शाकिर की बाउंड्री पर लगे पोल तोड़ दिए। जब शाकिर ने दोबारा चुना डालकर सीमांकन करने की कोशिश की, तो रऊफ ने उल्टा सिविल लाइन थाने में झूठा आवेदन देकर शाकिर पर ही जबरन कब्ज़े का आरोप लगा दिया और पीड़ित के स्वामित्व की जमीन पर पोल गाड़कर तारबंदी कर डाली।
झूठी शिकायतों का बना है आदी
पीड़ित शाकिर शेख के मुताबिक, अब्दुल रऊफ पहले भी नगर निगम, टीएनसी, तहसील, कलेक्टर कार्यालय और पुलिस विभाग में दर्जनों फर्जी शिकायतें कर चुका है। उसका मकसद लोगों को ब्लैकमेल कर मानसिक उत्पीड़न करना और अवैध लाभ उठाना है।
कलेक्टर जनसुनवाई में की शिकायत
शाकिर ने तहसील कार्यालय में अपनी भूमि का सीमांकन रिकॉर्ड और अन्य दस्तावेज पेश करते हुए औपचारिक शिकायत दर्ज करवाई है। इसके साथ ही उसने मंगलवार को कलेक्टर जनसुनवाई में भी अपनी बात रखी और न्याय की गुहार लगाई।
पारिवारिक विवाद नहीं, सुनियोजित साज़िश
स्थानीय स्तर पर की गई पड़ताल से यह स्पष्ट हो रहा है कि यह विवाद महज़ पारिवारिक नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साज़िश है, जिसका उद्देश्य ज़मीन हड़पना और प्रशासनिक तंत्र के दुरुपयोग से दबाव बनाना है।
अब सवाल उठता है कि प्रशासन कब लेगा संज्ञान?
शहर में बढ़ती ऐसी फर्जी शिकायतों और ज़मीन कब्जा गिरोहों पर कब अंकुश लगेगा? पीड़ितों को न्याय दिलाने और फर्जी आरोप लगाने वालों पर कार्रवाई की ज़रूरत है, ताकि सिस्टम पर लोगों का भरोसा कायम रह सके।