भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन सिंहस्थ की तैयारियां शुरु कर दी हैं। इसके लिए नियमित बैठके शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी अधिकारियों से उज्जैन सिंहस्थ की डीपीआर 15 अप्रैल तक करने के निर्देश दिए हैं। सिंहस्थ में उज्जैन पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के क्राउड मैनेजमेंट, मेला क्षेत्र, स्वास्थ्य सुविधाएं, सुरक्षा, शौचालय और पानी समेत अन्य सुविधाओं के लिए अधिकारी रणनीति तैयार कर रहे हैं।
प्रयागराज महाकुंभ से लेंगे सीख
बता दें कि, नगरीय प्रशासन विभाग ने प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए अधिकारियों की एक टीम भेजी गई थी। टीम ने प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान परिवहन व्यवस्था, मेला सेक्टर, सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल और स्वास्थ्य सेवा समेत अन्य सुविधाओं का बारीकी से निरीक्षण किया। अब नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा डीपीआर तैयार कराई जा रही है। भवन अनुज्ञा का कार्य 15 जून तक पूर्ण करने और 25 जून से कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
जून से काम मे आएगी तेजी
सिंहस्थ मेला क्षेत्र में नगर विकास योजना की कार्ययोजना तैयार कर कार्य की शुरुआत जून, 2025 से युद्ध स्तर पर की जाएगी। मेला क्षेत्र में 200 एमएलडी पेयजल क्षमता का विकास किया जाएगा। सीवर नेटवर्क डिजाइन के अंतर्गत सिंहस्थ के दौरान मेला क्षेत्र में 160 एमएलडी का सीवरेज जनरेशन होगा, जिसमें 100 एमएलडी क्षमता के स्थाई एसटीपी निर्माण किए जाएंगे और अस्थाई रूप से 60 एमएलडी क्षमता के सीवरेज का निष्पादन किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री डॉ. राजेश राजौरा ने सिंहस्थ मेला क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों की तैयारियों की समीक्षा कर अफसरों को जरूरी निर्देश दिए।
सुदृढ होगी स्वास्थ्य सेवाएं
सिंहस्थ के दौरान लोगों को स्वास्थ्य सेवा देने के लिए उज्जैन में भवन विकास निगम द्वारा मेडिसिटी का निर्माण किया जा रहा है। इसकी लागत कुल 592.3 करोड़ रुपए है। इस अस्पताल की क्षमता 550 बिस्तर की होगी। इसके साथ ही मेला क्षेत्र के आसपास 500 अस्थायी अस्पताल बनाए जाएंगे और कैम्प लगाए जाएंगे। स्वास्थ्य सुविधाओं को सिंहस्थ मेला क्षेत्र के अनुसार 6 जोन में बांटा जाएगा। मरीजों का डिजिटल रिकार्ड मेंटेन किया जाएगा। मेले के दौरान बर्न यूनिट, एम्बुलेंस की सुविधा, ब्लड बैंक, ट्रॉमा सेंटर आदि की सम्पूर्ण तैयारी रखने पर फोकस किया जा रहा है।
डिजिटल पर जोर
उज्जैन सिंहस्थ को सरकार डिजिटल बनाने पर जोर दे रही है। इसके लिए आईटीएमएस जंक्शन सिस्टम डेवलप किया जा रहा है। सिंहस्थ के समय आईटीएमएस पुलिस विभाग को सौंपा जाएगा। सिंहस्थ में फेस रिकग्निशन, अलर्ट सिस्टम, फायर अलार्म के सभी सॉफ्टवेयर एमपीएसईडीसी द्वारा विकसित किए जाएंगे। ऑल इन वन ऐप भी बनाया जाएगा, जिसमें ड्रोन सर्विस, यातायात एवं वाहन प्रबंधन, मानव संसाधन और कार्य प्रगति की जानकारी की सुविधा मिल सकेगी।

सिंहस्थ मेला क्षेत्र का वर्चुअल टूर एप के माध्यम से कराया जाएगा। वहीं, सड़क एवं अन्य सफाईकर्मियों को मिलाकर 11 हजार 220 सफाईकर्मियों की आवश्यकता होगी। इसके अलावा कचरा संग्रहण के लिए लगभग 5 हजार सफाई कर्मियों की आवश्यकता होगी। कुल मिलाकर 16 हजार 220 सफाईकर्मियों की आवश्यकता होगी।