जुआ-सट्टे का काला कारोबार

महीने के आखिरी दिन दो थानों में 16 मामले दर्ज

देवास। देवास शहर में सट्टे और जुआ का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। बात शहर की की जाए, तो दर्जनों स्थानों पर सट्टे और जुआ का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। यह बात पुलिस की कार्रवाई खुद बयां कर रही है। बात महीने के आखिरी दिन यानी 31 जुलाई की, की जाए तो कोतवाली थाने में सट्टे और जुआ के 10 मामले दर्ज हुए हैं। सट्टे और जुएं के 10 मामलों में कुल मिलाकर पुलिस ने 16 आरोपियों को पकड़ा और उनके कब्जे से ढाई हजार रुपए जप्त किए हैं।

Rai Singh Sendhav

इधर छूटे इधर काम शुरू

सट्टे और जुएं के मामलों में तत्काल जमानत होने की वजह से आरोपी पकड़े जाते हैं और घंटे 2 घंटे बाद छूटते ही फिर वही काम शुरू कर देते हैं। इसकी बानगी कोतवाली थाना क्षेत्र में देखने को मिली जब एक आरोपी अरबाज पिता रफीक को 12:00 बजे के लगभग पुलिस ने कंजर मोहल्ले में सट्टा लिखते पकड़ा। बाद में यही आरोपी 2:30 बजे फिर नई आबादी से सट्टा लिखते पकड़ा गया। कोतवाली पुलिस ने शहर के तोड़ी क्षेत्र, कंजर मोहल्ला, नई आबादी, और लाल गेट के पास से सट्टा लिखते आरोपी पकड़े हैं। वहीं वासुदेवपुरा के एक मकान, शिव शक्ति ग्राउंड, गजरा गियर चौराहे के पास स्टेशन रोड क्षेत्र में चार स्थानों पर जुआ खेलते आरोपी पकड़ाए।

औद्योगिक क्षेत्र में 6 कार्रवाई

इसी तरह औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने बावड़िया, नागदा मल्टी, सनसिटी-1 क्षेत्र के छह जगहों से अलग-अलग सट्टा लिखते हुए छह आरोपियों को पकड़ा और उनके कब्जे से कुल मिलाकर 1290 रुपए जप्त किए हैं। पुलिस ने इन आरोपियों में किसी से 120 तो किसी से 140 किसी से 190 तो किसी से 210 और एक से 510 रुपए जप्त किए गए हैं।
इस तरह औद्योगिक क्षेत्र और कोतवाली थाना क्षेत्र में करीब 16 जगह से सट्टे और जुए का कारोबार करते हुए आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आए हैं।

खाईवाल तक क्यों नहीं पहुंचती पुलिस

पुलिस इन आरोपियों को 100 ₹200 के साथ पकड़ती है और कार्रवाई कर छोड़ देती है, या यूं कहें छोड़ना पड़ता है और आरोपी छूटते ही फिर सट्टे-जुए के कारोबार में भिड़ जाता है, तो ऐसी कार्रवाई के क्या मायने? शहर में अगर इतनी जगह सट्टे लिखे जा रहे हैं, तो निश्चित तौर पर यह सटोरिए अपना दिन भर का धंधा किन्ही प्रमुख सटोरियों को उतारते ही होंगे। पुलिस चाहे तो पकड़े गए इन्हीं सटोरियों के माध्यम से प्रमुख खाईवाल तक पहुंच सकती है, पर पुलिस भी सट्टा कारोबारी के इन कर्मचारियों को पकड़ कर और छोटी-मोटी कार्रवाई कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेती है।

संपादक

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