देवास। शहर में धार्मिक स्थलों के आसपास अतिक्रमण एवं धर्म स्थलों के नाम पर अवैध कब्जा कर किया गया अतिक्रमण नई बात नहीं है। जिसके कारण आए दिन विवाद की स्थिति निर्मित होती रहती है। ताजा उदाहरण के तौर पर शहर के प्रमुख संवेदनशील स्थल शुक्रवार या हाट में प्राचीन पिपलेश्वर मंदिर एवं दुर्गा माता मंदिर के आसपास का अतिक्रमण शहर में कभी भी सांप्रदायिक विवाद का बड़ा कारण बन सकता है। गौरतलब है कि इन मंदिरों के आसपास बड़ी संख्या में फल फ्रूट एवं सब्जी विक्रेताओं द्वारा जोर जबरदस्ती कर हाथ ठेले लगाकर अतिक्रमण किया हुआ है। अतिक्रमण कर्ताओं द्वारा मंदिर के आसपास गंदगी के अलावा गाली गलौच भी की जाती है। मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों को आवाजाही एवं वाहन खड़े करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। कोई दर्शनार्थी यदि अतिक्रमण का विरोध करता है तो उसके साथ अभद्रता एवं मारपीट की जाती है। 2 सप्ताह पूर्व ही इन अतिक्रमण कर्ताओं द्वारा एक युवा दर्शनार्थी के साथ गाली गलौज की गई थी जिसके कारण विवाद की स्थिति निर्मित हुई। जिसके पश्चात प्रशासन द्वारा मंदिर के आसपास से अतिक्रमण हटा दिया गया था लेकिन फिलहाल अतिक्रमण करताओ द्वारा फिर से हाथ ठेले लगाकर मंदिर परिसर को घेर लिया गया। कल सोमवार को इसके कारण काफी गहमागहमी एवं सांप्रदायिक तनाव की स्थिति निर्मित हो गई। एक और मंदिर समिति के सदस्य एवं हिंदू संगठन के लोग जमा हो गए, जबकि दूसरी ओर अतिक्रमण कर्ताओं के साथ दूसरे पक्ष के असामाजिक तत्व की भीड़ इकट्ठा हो गई। वह तो गनीमत है की क्षेत्रवासियों द्वारा तत्काल पुलिस को सूचना दी गई जिस पर कोतवाली पुलिस से बड़ी संख्या में पुलिस बल आया एवं अतिक्रमण कर्ताओं एवं असामाजिक तत्व को खदेड़ कर भगाया गया। समय रहते यदि पुलिस बल नहीं पहुंचता तो शुक्रवारीया हाट स्थित मंदिर के आसपास का अतिक्रमण शहर में बड़े सांप्रदायिक विवाद का कारण बन सकता था। प्रशासन को चाहिए कि मंदिर के आसपास से स्थाई तौर पर अतिक्रमण हटाया जाए ताकि दर्शनार्थियों के आवागमन एवं वाहन खड़ा करने का स्थान सुलभ हो सके।

