रिस्पांस टीम को नहीं मिल रहे मरीज
देवास। कोविड-19 यानी वैश्विक महामारी कोरोना… जिससे समूची दुनिया डर रही है, लेकिन देवास में लोग कोरोना से कम अस्पताल में भर्ती होने से ज्यादा डर रहे हैं। यहां के प्रमुख कोविड-19 सेंटर अमलतास हॉस्पिटल, जिला अस्पताल, एवं बालगढ़ में कोरोना पॉजिटिव मरीज जाना नहीं चाहता। यहां की अव्यवस्थाएं आम लोगों की जुबां पर हैं। अव्यवस्थाओं के कई फोटो वीडियो वायरल हो चुके हैं। जिसके चलते कोरोना टेस्ट करवाते समय कोई अपना पता तो कोई अपना फोन नंबर गलत लिखवा रहा है। पॉजिटिव आने पर रैपिड रिस्पांस टीम मरीजों को ढूंढती रहती है लेकिन कई पॉजिटिव मरीज मिलते ही नहीं।
जी हां मध्यप्रदेश के देवास में तो यही नजारा पिछले कुछ दिनों से देखने में आ रहा है। शुक्रवार को देवास जिले में पॉजिटिव आए 30 मरीजों में 20 देवास शहर के हैं। इनमें 5 मरीज ऐसे पाए गए जिन्हें अस्पताल की रैपिड रिस्पांस टीम दिन भर ढूंढती रही लेकिन किसी का पता नहीं चल पाया। विक्रमनगर का 40 वर्षीय पुरुष पॉजिटिव है, जिसका पता गलत और मोबाइल नंबर बंद होने से वह रिस्पांस टीम को नहीं मिला। नौसराबाद की 20 वर्षीय युवती की रिपोर्ट भी पॉजिटिव है और उसका मोबाइल नंबर भी बंद है। मांगीलाल मूर्तिनगर में 65 वर्षीय पुरुष पॉजिटिव बताया गया लेकिन वह मिला ही नहीं। उसका मोबाइल नंबर भी बंद है। गोपाल नगर में 53 वर्षीय पुरुष पॉजिटिव है लेकिन वह घर पर ही नहीं था। उसका मोबाइल नंबर भी गलत था। पदममोहन कॉलोनी की 48 वर्षीय महिला भी पॉजिटिव है लेकिन वह भी नही मिली। देवास में आज यह पहला मौका नहीं है जब रैपिड रिस्पांस टीम मरीजों को ढूंढती रही और वह नहीं मिले…। ऐसा पिछले दिनों कई बार देखने को मिला, जब कोरोना जांच कराते समय मरीजों ने मोबाइल नंबर या अपना पता गलत लिखाया, और काफी ढूंढे जाने के बाद भी वह नहीं मिले। कोरोना पॉजिटिव मरीजों को भागने से संक्रमण ज्यादा फैलने का खतरा पैदा हो रहा है। जानकारों का कहना है कि कोरोना जांच के लिए सैंपल लेते समय आधार कॉर्ड नंबर भी दर्ज होना चाहिए। जिससे कोई अपना नाम, पता या मोबाइल नंबर गलत नहीं लिखवा सकेगा।

सीएमएचओ डॉ एमपी शर्मा का कहना है कि लोगों को स्वास्थ्य के प्रति खुद जागरूक होना चाहिए। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर तत्काल अस्पताल में भर्ती होना चाहिए।
जांच रिपोर्ट आने में हो रही देरी
कोरोना की जांच को लेकर भी अव्यवस्थाएं सामने आ रही है। कई मरीजों की रिपोर्ट आने में कुछ ज्यादा ही विलंब हो रहा है। मिश्रीलाल नगर में रहने वाले 63 वर्षीय मरीज ने फीवर और सांस लेने में तकलीफ होने के चलते 11 सितंबर को सैंपल जांच के लिए दिया। 12 सितंबर को उनके मोबाइल पर मैसेज आया। तकलीफ ज्यादा होने के चलते उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती किया गया, जांच रिपोर्ट के लिए मरीज के परिजन एक हफ्ते तक परेशान होते रहे किंतु जांच रिपोर्ट नहीं आई। परेशान परिजन दो-तीन दिन बाद जिला अस्पताल से छुट्टी करा कर अपने मरीज को एक निजी अस्पताल में ले गए। जहां उन्हें भर्ती किया गया है। इसी तरह मुखर्जी नगर के एक 52 वर्षीय पुरुष को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था, तब उनका सैंपल भी लिया गया था। उपचार उपरांत स्वस्थ होने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई, जिनकी पॉजिटिव रिपोर्ट शुक्रवार को आई। इसी तरह शिव शक्ति नगर निवासी एक 63 वर्षीय मरीज की रिपोर्ट भी तब आई जब उन्हें अस्पताल से छुट्टी देकर होम आइसोलेट किया जा चुका है।
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