प्रेमी संग मिलकर की पति की हत्या, बोरे में भरकर नाले में फेंकी लाश और जला डाली

अवैध संबंध और पैसों के लालच में दिया वारदात को अंजाम…
बाद में पत्नी ने थाने में गुमशुदगी भी दर्ज कराई…
देवास के आड़ी पट्टी मल्हार क्षेत्र की घटना…
औद्योगिक क्षेत्र थाना पुलिस की सफल कार्रवाई पांचों आरोपी गिरफ्तार..
देवास एसपी ने पत्रकार वार्ता में किया खुलासा…
आरोपियों में दो नाबालिग भी शामिल…
औद्योगिक क्षेत्र पुलिस की सफल कार्रवाई पर एसपी ने दिया ₹10,000 का इनाम…

Rai Singh Sendhav

देवास। शहर के आड़ी पट्टी मल्हार क्षेत्र में दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम देकर साक्ष्य छुपाने के प्रयास किए गए। जी हां एक महिला ने अपने प्रेमी और सहयोगियों के साथ मिलकर अपने पति को मौत के घाट उतार दिया। इतना ही नहीं लाश को बोरे में भरकर शंकरगढ़ पहाड़ी के पास एक पुलिया के पाइप में फेंक दिया। 5 -6 दिन बाद सबूत मिटाने के लिए फिर लाश के पास पहुंचकर उसे जला दिया गया। वारदात को अंजाम देने के दूसरे दिन शातिर पत्नी ने पुलिस थाने पहुंचकर गुमशुदगी की झूठी रिपोर्ट भी लिखाई। इतना सब कुछ करने के बाद भी आरोपी अपने आप को पुलिस के लंबे हाथों से बचा नहीं सके। औद्योगिक क्षेत्र थाना पुलिस ने सफल कार्रवाई करते हुए वारदात को अंजाम देने वाले सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में दो नाबालिग भी शामिल हैं।

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आपको बता दें घटना 11 जून की है। देवास पुलिस अधीक्षक डॉ शिव दयाल सिंह ने मामले का खुलासा करते हुए पत्रकार वार्ता में बताया कि उज्जैन जिले के कायथा थाना क्षेत्र के ग्राम सिलाखेड़ी में रहने वाले भगवान सिंह का विवाह वर्ष 2013 में छाया बाई के साथ हुआ था। शादी के बाद भगवान सिंह ने गांव का मकान व जमीन बेचकर देवास के आड़ी पट्टी मल्हार में मकान खरीद लिया और यही रह कर रुचि सोया कंपनी में काम करने लगा। इनके 4 और डेढ़ साल के दो बच्चे भी हैं।

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इसी दौरान आड़ी पट्टी में रहने वाले लखन पिता बहादुर से छाया के अवैध संबंध हो गए। छाया और लखन में प्यार का परवान चढ़ा लेकिन इनकी निगाह भगवान सिंह के मकान और 2 लाख के बैंक बैलेंस पर भी थी। जिसके चलते इन्होंने भगवान सिंह को रास्ते से हटाने की योजना बना डाली।

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11 जून की रात छाया ने फोन कर लखन को घर बुलाया। रात 1:00 बजे लखन अपने साथी अकील उर्फ अक्कू निवासी सिल्वर पार्क कॉलोनी आड़ी पट्टी तथा शानू के साथ वहां पहुंचा। अकील और शानू को वहां पांच -पांच हजार रुपए भी दिए गए। छाया ने अपने भतीजे संतोष उर्फ निखिल पिता राधेश्याम को भी अपने साथ शामिल कर लिया। सभी ने मिलकर सोते हुए भगवान सिंह के मुंह को तकिए से दबाकर मार डाला। फिर धारदार हथियार से भी वार किए।
लाश को ठिकाने लगाने के लिए बोरे में भरकर शंकरगढ़ पहाड़ी के पास एक पुलिया के पाइप में फेंक कर आ गए। घटना के पांच-छह दिन बाद अकील उर्फ अक्कू वापस शंकरगढ़ की पुलिया पर पहुंचा, और सबूत मिटाने की नियत से लाश को पेट्रोल डालकर जला दिया।
इधर 12 जून को छाया ने थाने पर पहुंचकर पति भगवान सिंह की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की तहकीकात शुरू की तो छाया बाई की हरकतों से पुलिस को उस पर शक हुआ। तब पुलिस ने थोड़ी सख्ती दिखाई तो पूरे मामले का पर्दाफाश हो गया।
पुलिस की इस कार्रवाई में औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी अनिल शर्मा, उप निरीक्षक आर के शर्मा, एएसआई केके परमार, महिला आरक्षण नेहा सिंह ठाकुर, आरक्षक रूपेश, जितेंद्र, शिवप्रताप सिंह सेंगर, संतोष रावत, प्रधान आरक्षक जीतेन्द्र व्यास की सराहनीय भूमिका रही। जिसकी प्रशंसा करते हुए पुलिस अधीक्षक डॉ शिव दयाल सिंह ने पुलिस टीम को 10 हजार रुपए के रिकॉर्ड की घोषणा की है।

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