देवास। देवास जिले में 142 गेहूं उपार्जन केंद्र स्थापित किए गए हैं। इनमें से कई जगह गड़बड़झाला चलने की शिकायतें सामने आ रही हैं। इसी के चलते जिले के सात उपार्जन केंद्रों पर ऐसे मामले सामने आए हैं कि कहीं प्लास्टिक वरदान के निर्धारित वजन से अधिक तौल कर गड़बड़ी की गई वही कुछ स्थानों पर अमानक स्तर का गेहूं खरीदकर, तो किसी ने प्रारंभिक अवस्था बनाने में घोर लापरवाही की। प्रारंभिक जांच में दोषी पाए गए अजनास, पटरानी, खारिया, टप्पासुकल्या, कुसमानिया, नामनपुर एवं पिपलकोटा के केन्द्र प्रभारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
देवास कलेक्टर श्रीकांत पांडे के निर्देश पर उपायुक्त सहकारिता मनोज कुमार गुप्ता ने यह कार्रवाई की। जिसमें उपार्जन कार्य में अनियमितता किए जाने के फलस्वरूप 07 केन्द्र प्रभारियों को निलंबित करने हेतु आदेश जारी किए गए है। जिसमे अजनास के दोषी केन्द्र प्रभारी सुरेश जोशी के संबंध में यह पाया गया है कि उनके द्वारा प्लास्टिक बारदानों के निर्धारित वजन से अधिक की तौल की गई। पटरानी के केन्द्र प्रभारी कमल सिंह अरोरा के विरूद्ध यह आरोप पाया गया है कि उनके द्वारा उपार्जन कार्य की प्रारंभिक व्यवस्था बनाए जाने में घोर लापरवाही की गई। इसी प्रकार खारिया के गोविंद यादव, टप्पासुकल्या के रविन्द्र पाल, कुसमानिया के दिलीप भारती, पिपलकोटा के महेश बोरखेड़े एवं नामनपुर के सुरेश कर्मा को इस बात के लिए दोषी पाया गया है कि उनके द्वारा अमानक स्तर के गेंहू का उपार्जन किया गया है।
