देवास। प्रदेश में भू माफियाओं के अवैध निर्माण और कब्जों को हटाने के लिए सरकार मुहिम चला रही है… प्रदेश के कई शहरों में प्रशासन की कार्रवाई सराही जा रही है… वही देवास में माफियाओं के विरुद्ध मुहिम के नाम पर आज बस स्टैंड पर कई गरीबों की गुमटिया तहस-नहस कर दी गई… जैसे तैसे रोजी रोटी चलाने वाले बेरोजगार हो गए… गुमटिया उन गरीबों की तोड़ी गई…. जो न्याय मांगने के लिए हाई कोर्ट तो क्या निचली कोर्ट भी नहीं जा सकते… क्योंकि जिनकी गुमटिया तोड़ी गई…. वह या तो जूते चप्पल सुधारने वाले चर्मकार हैं…. या पान पाउच वाले…. हैरत की बात तो यह की इन गरीबों को गुमटी हटाना तो दूर गुमटी से सामान निकालने तक का मौका नहीं दिया गया… नोटिस देकर कार्रवाई करना तो दूर की बात रही…।

देवास, नगरनिगम, पुलिस और प्रशासन की सुबह बीएनपी रोड स्थित नाना यादव के अवैध निर्माण पर हुई कार्रवाई पर तो लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया रही… कई लोगों ने उसे सराहा… कई शहर वासियों को उम्मीद जगी की देवास शहर में भी माफियाओं पर गाज गिरेगी… लेकिन शायद यह किसी को पता नहीं था… की एक बड़ी कार्रवाई के बाद गरीबों पर भी गाज गिरेगी…। जी हां कल उज्जैन रोड स्थित मंदिर तोड़ने के बाद शहर में प्रशासन की किरकिरी हो रही थी… आज सुबह की कार्रवाई के बाद… जैसे ही सूचना मिली की तीन चार जेसीबी और भारी पुलिस बल के साथ प्रशासन और नगर निगम का अमला बस स्टैंड पहुंचा है… किसी बड़ी कार्रवाई की उम्मीद में पूरा मीडिया भी बस स्टैंड की ओर दौड़ पड़ा… पर वहां जो हुआ वह किसी ने नहीं कहा कि, ठीक हुआ…। यह क्या? बस स्टैंड पर तो जैसे तैसे अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले उन गरीबों पर गाज गिर रही थी….। नगर निगम प्रशासन की जेसीबी के पंजे ने उन गरीबों को अपनी गुमटीओ से सामान निकालने की मोहलत तक नहीं दी… इधर गरीबों की गुमटियो पर जेसीबी चल रही थी… उधर वह गरीब दुकानदार जैसे तैसे जेसीबी के पंजे के आगे आगे अपना बचा कुचा सामान बीनते नजर आ रहे थे…। पुलिस बल इतना लगाया गया था कि, जैसे शहर के किसी बहुत बड़े डॉन के यहां कार्रवाई चल रही हो…। ऐसा नहीं था की यह कार्रवाई देखने के लिए भीड़ ना उमड़ी हो… भीड़ तो थी… किंतु उनके बीच जो चर्चाएं थी वह एक अच्छा संदेश बिल्कुल नहीं देती… बस स्टैंड पर मौजूद हर व्यक्ति की जुबां पर यही सवाल था की बेचारे इन गरीबों को क्यों उजाडा जा रहा है? इसका जवाब संभवत किसी के पास नहीं था।
इन दुकानदारों से चर्चा करने पर उनका कहना था कि उन्हें नोटिस देना तो दूर सामान हटाने के लिए 15 मिनट तक का समय नहीं दिया गया…।
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