गर्भवती महिला को नहीं मिला समुचित इलाज , जच्चा-बच्चा की मौत

खातेगांव के पटरानी गांव का मामला

मृतका का 18 घंटे बाद हो पाया कन्नोद के अस्पताल मे पीएम,

स्वास्थ्य सेवाओं पर सवालिया निशान

अनिल उपाध्याय

Rai Singh Sendhav

खातेगांव। बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का दावा करने वाली मध्य प्रदेश सरकार की हकीकत उस समय उजागर हो गई जब देवास जिले के खातेगांव तहसील मुख्यालय के दूरस्थ आदिवासी अंचल के गांव पटरानी में गर्भवती महिला को समुचित स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में घर के अंदर ही जच्चा बच्चा ने दम तोड़ दिया ,महिला को तेज दर्द उठने पर परिजन उसे अस्पताल ले जाने के लिए वाहन की तलाश करते रहे लेकिन जब तक 108 पहुंची तब तक महिला दम तौड चुकी थी मृत महिला को 108 वाहन से लेकर परिजन खातेगांव अस्पताल पहुंचे लेकिन वहां डॉक्टर के अभाव में उन्हें कन्नौद की ओर रवाना कर दिया, शाम7:00 बजे कन्नौद पहुंचे लेकिन वहां मौजूद डॉक्टरों ने यह कहते हुए महिला का पीएम नही किया की सतवास से महिला चिकित्सक आएगी वही उसका पीएम करेगी इसलिए पीएम सुबह होगा परिजन रात भर अस्पताल के बरामदे में पड़े रहे तब कहीं जाकर सुबह 1:00 बजे मृतक का पीएम हो पाया! यह पूरा घटनाक्रम देवास जिले के खातेगांव के आदिवासी बाहुल्य ग्राम पटरानी में घटा जहां पेट दर्द से तड़प रही रीना पति प्रकाश उम्र 36 वर्ष की गुरुवार शाम को मौत हो गई गांव में कोई स्वास्थ सुविधा नहीं होने से उसे समय पर इलाज नहीं मिल पाया अन्यथा जच्चा बच्चे की जान बचाई जा सकती थी!मृतका बेहद गरीब परिवार की महिला है, उसके तीन बच्चे हैं!
जच्चे बच्चे की मौत के बाद स्वास्थ्य सेवाओ पर सवाले निशान खड़े हो गये हे! दुखद पहलू यह है कि मृतक महिला का शव 18 घंटे तक pm के लिए अस्पताल के मचूरी भवन में पड़ा रहा इस दौरान परिजन भूखे प्यासे तडपते रहे , आजादी के 70 साल बाद भी आदिवासी अंचल के गांव में स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में महिला की मौत ने?

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