सास और समधन की हत्या करने वाले आरोपियों को आजीवन कारावास

1,22,000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया

फैसला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश खातेगांव माननीय मनोज तिवारी ने सुनाया

अनिल उपाध्याय
खातेगांव। 23 फरवरी.2019 को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय से सत्र प्रकरण क्रमांक 115/2017 म.प्र. राज्य द्वारा आरक्षी केन्द्र खातेगॉव विरूद्ध कालू आदि के प्रकरण में आरोपी कालू, नवलसिंह, जगदीश, बलमसिंह उर्फ गुल्लु, सुखराम, सरेश, सभी निवासी बडी खिवनी को धारा 302, 302/34, 323, 242, में दोषी पाते हुए खातेगांव के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश माननीय मनोज तिवारी ने फैसला सुनाते हुए आजीवन सश्रम कारावास एवं 1,22,000/- रूपये के अर्थदण्ड से आरोपी गणों को दण्डित किया।

Rai Singh Sendhav

घटना का संक्षिप्त विवरण :- अपर लोक अभियोजक गिरधर गोपाल तिवारी ने बताया की साक्षी अनिल ने 100 डॉयल पर फोन लगाकर सूचना दर्ज कराई की सुबह उसकी बहन रीना के ससुराल वाले ग्राम उतावली आये थे! और जुर्माना मांग रहे थे, उसके पिता रूपसिंह आष्टा मंडी गये थे, उसकी जसमाबाई खेत पर बने कुंए पर कपडे धोने चली गई! उसी समय उसके पास आरोपी सुरेश कालू आये और धमकी देते हुए बोले की जुर्माने के रूपये नही दोगे तो सबको जान से मार देंगे! नवलसिंह अपने जीजा जगदीश के साथ खेत पर बने कुंए के पास जसमाबाई को खींच कर कुंए की तरफ ले जा रहे थे, रिपोर्ट कर्ता अनिल को सुरेश व कालू ने पकड रखा था, और उसके साथ मारपीट की थी जब वह छूंट कर कुंए की ओर भागा तो उसे कोई नही दिखा उसने कुंए में देखा तो उसकी मॉ की लाश दिखी जो पानी में तैर रही थी! उसमें अपने काका लीमचंद को फोन लगाकर घटना बताई और पुलिस को सुचना की उसकी मॉ जसमाबाई को आरोपीगण ने मार कर कुंए में फेंका व धकाया जिससे उसकी मृत्यू हो गई। समस्त साक्ष्य निर्धारण के पश्चात अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अपने निर्णय में प्रतिपादित किया की समाज में आज भी नातरा के अन्तर्गत पूर्व पति के परिवार महिला के नये पति के परिवार से राशि वसूलने का क्रम जारी रखे हुए है जबकी कानून में ऐसा कोई प्रावधान नही है, समाज में लोग शिक्षित भी हो रहे है! किन्तु इन प्रथा पर रोक नही लग पा रही है यह घटना क्रम ऐसी ही कुरूतियो वाली प्रथाओ का नतिजा है जिसमें स्त्री को चल समपत्ति की तरह माना जाता है।अभियुक्तगण के द्वारा अपनी समधन/सास की हत्या उधार राशि व समाज में प्रचलित नातरा प्रथा के अनुसार झगडे की रकम वसूलने के लिये की गई थी सामाजिक प्रभाव आदि पर विचार करते हुए आरोपी नबलसिंह, जगदीश, बलम उर्फ गुल्लु , सुखराम, को धारा 302 भा.द.वि. के आरोप आजीवन सश्रम कारावास एवं 10-10 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया इसी प्रकार आरोपी सुरेश, कालू को 302/34 भा.द.वि. के आरोप में आजीवन सश्रम कारावास एवं 10-10 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया, समस्त आरोपीगण को 302/120 -बी (1) भा.द.वि के आरोप में आजीवन कारावास एवं 10-10 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया , आरोपी सुरेश व कालू को धारा 323 एवं 342 में 500-500 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

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