देवास जिले के आदिवासी अंचल में भगोरिया की धूम
अपनी पारंपरिक वेशभूषा में आए आदिवासी…
मांदल की थाप पर जमकर थिरके आदिवासी युवक- युवतियां…
हाट बाजार में सजी जलेबी की दुकान में, लगे झूले…, रंगो की बिक्री…
उदयनगर से भगोरिया विशेष

देवास। होली का पर्व आते ही जिले की आदिवासी अंचल में भगोरिया पर्व की धूम मची हुई है। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में लगने वाले भगोरिया हाट बाजार में सज धज कर आदिवासी युवक युवतियां पहुंच रहे हैं।
भगोरिया पर्व के चलते हाट बाजार मेलों की तरह सज गए हैं। बड़े बड़े झूले… जलेबी की दुकानें… मिठाईयां और साज सज्जा की दुकानें इन हाट बाजारों की रौनक बढ़ा रही हैं। बसों में छतों पर बैठकर आदिवासी अंचल के लोग हाट बाजार में पहुंच रहे हैं। मंडल की थाप और बांसुरी की धुन पर थिरकते आदिवासी युवक युवतियों को देखने के लिए इन हाट बाजारों में भारी भीड़ जमा हो रही है।
देवास से 100 KM पर बसे उदयनगर के आदिवासी क्षेत्र में साप्ताहिक हाट बाजार का दिन मंगलवार होता है। भगोरिया पर्व मे आदिवासी लोग अपनी अपनी वेशभूषा में सज धज कर पहुंचे। इन आदिवासी लोगो ने पहले अपने अपने ढोल, मांदल, बांसुरी की पूजा की व एक दूसरे को गुलाल लगाया।
एक दूसरे को गले लगाया… मुंह मीठा कराया… व मांदल, ढोल, बांसुरी की धुन व थाप पर जमकर थिरके। सुबह से लेकर शाम तक नाचते गाते हुए अपनी मस्ती में दिखे आदिवासी युवक युवतियां । भगोरिया पर्व मे बच्चे युवा युवती बुजुर्ग महिलाएं बडी संख्या मे आये।
मंगलवार के भगोरिया हाट मे दूर दूर से दुकाने आई। दुकानदारों ने भी अपनी अपनी दुकान खूब अच्छी तरह सजाई। बाजार में झूले ,पान की दुकान, आइसक्रीम, जलेबी की दुकान, नमकीन की दुकाने विशेष रूप से सजी हुई थी। दुकानदारों की खूब बिक्री हुई । खासकर जलेबी व पान के बीडे की ज्यादा बिक्री हुई..।
यहां भगोरिया पर्व आदिवासी लोग कई वर्षो से मनाते आ रहे है। भगोरिया पर्व होली से कुछ दिन पहले आता है। इस पर्व में आदिवासी समाज जन के युवा युवती भी एक दूसरे को पसंद कर लेते हैं और विवाह सूत्र में बंध जाते है। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। उदयनगर के साप्ताहिक हाट बाजार में दूर-दूर से 40 से अधिक गाँवो के आदिवासी जन आए।